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छांगुर से भी बड़े अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, डीजीपी बोले- अमेरिका और दुबई से हो रही फंडिंग

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लखनऊ। प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत यूपी पुलिस ने शनिवार को छांगुर से भी बड़े एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह ऐसा गिरोह है जिनका सिंडिकेट देश के छह राज्यों में फैला हुआ है और बड़े पैमाने पर धर्मातंरण का खेल चल रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस गिरोह को अवैध धर्मांतरण के लिए कनाडा, अमेरिका और दुबई से फंडिग की जा रही है और पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से गिरोह के संबंध होने के संकेत मिले हैं। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अमिताभ यश और आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने शनिवार पुलिस मुख्यालय में संयुक्त रुप से पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी है। डीजीपी ने कहा कि यह गिरोह प्रदेश में युवतियों को बरगलाकर, प्रलोभन देकर और कट्टरपंथी सोच के जरिए अवैध धर्मांतरण कराने में संलिप्त था। पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए विभिन्न राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक लड़की भी शामिल है।
डीजीपी ने बताया कि सीएम के निर्देश पर अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए प्रदेश भर में मिशन अस्मिता चलाया जा रहा है। पुलिस को आगरा से दो सगी बहनों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिसकी जांच हुई तो अवैध धर्मांतरण का पूरा खेल सामने आया। जांच में पता चला कि दोनों लड़कियों का ब्रेन वॉश करके अवैध धर्मांतरण किया गया। इसके बाद पुलिस ने गहराई से छानबीन शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। डीजीपी ने बताया कि अवैध धर्मांतरण के लिए कनाडा, अमेरिका और दुबई समेत कई देशों से करोड़ों रुपये की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की भी जानकारी मिली है, जिसका उपयोग देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने और लड़कियों को बहलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने में किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के तौर-तरीके, फंडिंग का दायरा और कार्यशैली आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों की तर्ज पर ही संचालित होने के संकेत मिले हैं। डीजीपी ने बताया कि आगरा से लापता लड़कियों के मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने मामले की जांच के लिए सात टीमें बनायीं थीं। इस दौरान सर्विलांस, साइबर सेल से पुलिस को अहम जानकारियां मिलीं। उसके बाद पुलिस ने छापेमारी शुरू की। टीम को कोलकाता भेजा गया, जहां आगरा से लापता दोनों सगी बहनों को बरामद किया गया। दोनों बहनों से मिले इनपुट के आधार पर टीम ने 6 अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभी तक की शुरुआती जांच में इस गिरोह के पीएफआई, एसडीपीआाई और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संबंध होने के संकेत मिले हैं। डीजीपी ने बताया कि मिशन अस्मिता के तहत इससे पहले भी कई संगठित अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ हो चुका है। इसी मिशन के तहत पहले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी जैसे आरोपी गिरफ्तार किए गए थे, जिन्होंने सैकड़ों लोगों का जबरन या बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करवाया था। आगरा प्रकरण में पकड़े गए आरोपी, विशेषकर युवतियों और नाबालिग लड़कियों को प्यार, नौकरी, आर्थिक मदद और धर्म से जुड़ी भ्रांतियों के माध्यम से फंसाते थे। उन्हें पहले भावनात्मक रूप से अपने जाल में फंसाया जाता और फिर दबाव या प्रलोभन के जरिए इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता। इसी कड़ी में हाल में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के अवैध धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट का भी पर्दाफाश किया गया था। इसमें एसटीएफ और एटीएस की जांच जारी है। यह कार्यपद्धति आईएसआईएस के कट्टरपंथी मॉड्यूल जैसी ही थी। यह गिरोह सोशल मीडिया, डार्क वेब और कुछ मोबाइल ऐप्स के माध्यम से युवाओं को मानसिक रूप से कट्टर बनाकर उन्हें धर्मांतरण के लिए तैयार करता था।

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