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अपहरण से पहले बदमाशों ने की रेकी, फिर पूरे शहर में घुमाते रहे-2 करोड़ की मांगी थी फिरौती

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गोरखपुर। रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी अशोक कुमार जायसवाल के अपहरण से पहले बदमाशों ने रेकी की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने रेकी के जरिये यह पता लगाया कि वह कितने बजे घर से निकलते हैं और कहां जाते हैं। कौवाबाग अंडरपास पर उन्हें रोक कर पहले बातों में उलझाया। इसके बाद कार में जबरन बैठाकर ले गए। जानकारी के मुताबिक, अशोक कुमार जायसवाल नौकरी से रिटायर होने के बाद रोज साइकिल से सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम जाते थे। वहां पर वह जॉगिंग और तैराकी करते हैं। रोज नियम से वह साइकिल से स्टेडियम जाते थे। वहां पर वह करीब एक घंटे रहते थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने से पहले रेकी की थी। वह कितने बजे घर से निकलते हैं और कब स्टेडियम पहुंचते थे, इन सबके बारे में उन्हें जानकारी थी। अंडरपास के पास सुबह के समय बहुत कम लोगों का आवागमन रहता है। इसीलिए उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए इस जगह को चुना।
सुबह 5.30 बजे के करीब जैसे ही अशोक वहां पहुंचे तो कार सवार बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। पहले उन्हें बातों में उलझाया। इसके बाद जबरदस्ती कार में बैठाकर ले गए। मौके पर सन्नाटा होने की वजह से किसी को भी इसकी जानकारी नहीं हो सकी। काफी देर तक वह घर नहीं पहुंचे तब जाकर घरवालों ने खोजबीन शुरू की। अशोक क्षेत्र में एक सम्मानित नाम माने जाते हैं। उनके अचानक इस तरह गायब हो जाने और फिरौती की कॉल आने से स्थानीय लोग भी परेशान हो गए। अशोक को कार में बैठाने के बाद बदमाश पूरे शहर में घूमते रहे। वह उन्हें लेकर अयोध्या तक गए थे। करीब चार घंटे तक घुमाने के बाद उन्होंने पत्नी सुषमा जायसवाल को कॉल किया। कॉल करने से पहले अशोक को धमका कर बोला था कि बातचीत के दौरान पुराने लेन-देन का जिक्र करें। बदमाशों ने पत्नी से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। कॉल के बाद बदमाश उन्हें लेकर फिर से शहरभर में घूमते रहे। पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी। शाहपुर थाना पुलिस ने रेलवे स्टेडियम से लेकर अशोक जायसवाल के आवास तक के रूट में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाल लिए। साथ ही मोबाइल कॉल डिटेल और व्हाट्सएप नंबर की आईपी ट्रेसिंग की। फिरौती की कॉल आने के बाद पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। इससे पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए। सूचना मिलते ही पुलिस ने केस दर्ज कर तलाश के लिए छह टीमें लगा दी थीं। उन्होंने शहर भर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल ली। पुलिस ने बदमाशों को फिल्मी स्टाइल में पकड़ा। अशोक जायसवाल की पत्नी के पास फिरौती की कॉल आई तो पुलिस टीम सक्रिय हो गई थी। वह दोबारा कॉल आने के इंतजार में थी। पुलिस ने अशोक की पत्नी को समझा दिया था कि दोबारा कॉल आए तो बदमाशों को रुपये देने की बातचीत में उलझाएं। शाम को कॉल आई तो उन्हें रुपये देने की बात कही। इसके लिए बदमाशों ने कालेसर जीरो प्वॉइंट को चुना। जीरो प्वॉइंट पर बदमाश जैसे ही रुपये लेने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और अशोक जायसवाल को सुरक्षित मुक्त करा लिया। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई कार को भी कब्जे में ले लिया। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि बदमाशों और एयरफोर्स कर्मी में रुपये का कोई पुराना लेन-देन नहीं है। उन्होंने पत्नी पर दबाव बनाने के लिए ऐसा बोला था। वहीं, आरोपियों पर पहले से दर्ज किसी केस की बात सामने नहीं आई है। आरोपी युवा हैं। उन्होंने इस वारदात को क्यों अंजाम दिया, पुलिस इसकी जांच कर रही है।

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