पंचायत चुनाव में फर्जी वोटरों को पकड़ने के लिए आयोग ने बनाई रणनीति, एप के जरिए पहचाने जाएंगे नकली मतदाता
1 min read
लखनऊ। पंचायत चुनाव में फर्जी वोटरों को मोबाइल एप की मदद से पकड़ा जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग इस एप को तैयार करवा रहा है। इससे बूथ पर वोट देने आने वाले हर मतदाता का फोटो लिया जाएगा, जो उसी वक्त (रियल टाइम में) आयोग के सर्वर पर सिंक होकर पहुंच जाएगा। इससे कोई एक मतदाता, मतदान के उसी चरण में या अन्य किसी चरण में दुबारा वोट नहीं डाल पाएगा।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने हैं। वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में कुल 12.45 करोड़ मतदाता थे। इनमें 90 लाख से ज्यादा मतदाता ऐसे मिले हैं, जिनके नाम, पिता के नाम और लिंग समान है। आयोग का मानना है कि मतदाता सूचियों में 2.27 करोड़ मतदाता डुप्लीकेट हैं। इन्हें जांच के बाद हटाने के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
यूपी में अभी पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में मतदाताओं के फोटो नहीं लगे हैं। इसलिए डुप्लीकेट मतदाताओं के फर्जी वोटिंग करने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। इसे रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने खास मोबाइल एप तैयार करने का निर्णय लिया है। यह प्रयोग इससे पहले मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में हो चुका है।
इस एप का उपयोग मतदान के दिन सभी पीठासीन अधिकारी करेंगे। मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड के जरिये वे इस एप पर जाकर लॉगइन कर सकेंगे। जो भी मतदाता वोट देने आएगा, मतदान कर्मी इस एप के माध्यम से उसका फोटो लेंगे। जैसे ही यह फोटो एप में सेव किया जाएगा, वो सिंक (संबद्ध) होकर आयोग के सर्वर पर पहुंच जाएगा। फोटो के साथ ही उस मतदाता को आयोग से मिला विशिष्ट मतदाता नंबर भी सेव हो जाएगा।
अब अगर कोई मतदाता दूसरी बार वोट देने जाएगा तो वहां भी उसका फोटो लिया जाएगा।
ऐसा होते ही एप अलर्ट जारी कर देगा कि उससे पहले उस विशिष्ट नंबर वाले मतदाता ने कहां, कब और कितने समय वोट डाला था। तब दूसरी बार मतदान करने वाले मतदाता के खिलाफ आसानी से कार्रवाई हो सकेगी। आयोग के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि पंचायत चुनाव में 70-80 प्रतिशत मतदान होता है। एप के माध्यम से 70-80 फीसदी मतदाताओं के फोटो आयोग के सर्वर पर आ जाएंगे। इनका उपयोग बाद में फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र बनाने में किया जा सकेगा।
