यूपी विधान परिषद चुनाव: 6 जनवरी को जारी होगी अंतिम मतदाता सूची, चुनाव आयोग ने जारी किया संशोधित कार्यक्रम
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लखनऊ। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के खंड स्नातक के 5 निर्वाचन क्षेत्रों लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ व इलाहाबाद-झांसी और खंड शिक्षक के 6 निर्वाचन क्षेत्रों लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद व गोरखपुर- फैजाबाद की मतदाता सूचियों को नए सिरे से तैयार किए जाने को लेकर संशोधित कार्यक्रम जारी किया है। फाइनल मतदाता सूचियों का प्रकाशन 6 जनवरी को होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि संशोधित कार्यक्रम के अंतर्गत पांडुलिपियों की तैयारी और मुद्रण 27 नवंबर तक पूरा किया जाएगा। मतदाता सूचियों के ड्राफ्ट का प्रकाशन 2 दिसंबर को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक चलेगी। इनका निस्तारण 30 दिसंबर तक पूरा कर अनुपूरक सूची जारी कर दी जाएगी। अंतिम मतदाता सूची 6 जनवरी को प्रकाशित होंगी। भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने शुक्रवार को प्रदेश मुख्यालय में अवध क्षेत्र की मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) की बैठक में कहा कि इसमें कोई भी कसर बाकी नहीं रहनी चाहिए। चुनाव के समय हर बूथ पर जैसे पार्टी का बस्ता लगता है, वैसे ही बीएलए-2, बूथ अध्यक्ष तथा बूथ प्रवासी रोजाना बूथ पर रहें और सुनिश्चित करें कि बूथ पर सभी मतदाताओं के गणना फार्म जमा हो जाएं। इसके अलावा नए मतदाताओं के नाम जुड़वाना तथा मृत, अन्यत्र स्थानांतरित या बोगस मतदाताओं के नाम हटवाने का काम भी करना है और उसकी सूची भी अपने पास रखनी है। उन्होंने कहा कि एसआईआर अभियान सिर्फ बीएलए-2, बूथ अध्यक्ष तथा बूथ प्रवासी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सभी पदाधिकारियों, नेताओं, जनप्रतिनिधियों तथा कार्यकर्ताओं की सामूहिक जिम्मेदारी है। चुनाव की तरह एसआईआर में भी उत्साह के साथ जुटना है। प्रत्येक बूथ पर विचार परिवार के लोग बडी संख्या में रहते हैं। हमें उनसे संपर्क करके उन्हें इस अभियान में सक्रिय करना चाहिए। मंडल अध्यक्ष के पास प्रत्येक बूथ पर रहने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं की लिस्ट होनी चाहिए। बीएलए-1, बीएलए-2, बूथ प्रवासी तथा बूथ अध्यक्ष के बीच प्रतिदिन संवाद होना चाहिए और प्रतिदिन का टास्क निर्धारित होना चाहिए।
