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संसद में बोलीं अनुप्रिया पटेल- मतदाता सूची का शुद्धिकरण आवश्यक, घुसपैठियों का मुद्दा उठाया

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मिजार्पुर। मिजार्पुर जिले की सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को चुनाव सुधार की चर्चा में संसद में अपना संबोधन देते हुए कहा कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण आवश्यक है। साथ ही घुसपैठियों को हटाने की वकालत करते हुए कहा कि घुसपैठियों को हटना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि एसआईआर बहुत आवश्यक है। यह आम जनता के हित में है कि एक साफ सुथरी मतदाता सूची बनाई जाए। उन्होंने कहा कि यह एसआईआर लंबे अंतराल के बाद हो रही है। कहा कि विपक्ष के साथी इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय चले गए।
बिहार चुनार की चर्चा करते हुए कहा कि वहां पर 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए लेकिन किसी भी मतदाता ने उसके विरोध में अपना विरोध दर्ज नहीं कराया। इसका मतलब यही है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम नहीं काटा गया। साथ ही बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत ने इनके वोट चोरी के दावे को खारिज कर दिया। टाइमिंग की सवाल उठने पर कहा कि अभी भी कई राज्यों में चुनाव को पांच से छह माह का समय है। यह कोई सवाल नहीं है। घुसपैठियों पर कहा कि यह देश के लिए बहुत बड़ी समस्या है, यदि देश की सरकार कहती है कि इनको मतदान का अधिकार नहीं देना है। तो कुछ लोग उनके लिए समर्थन में आ जाते हैं। कहा कि तीन दशक पहले तत्कालीन सरकार के गृहमंत्री इंद्रजीत गुप्त ने कहा था कि देश में डेढ़ से दो करोड़ घुसपैठिया हैं। यह दुख की बात है कि इतने वर्षों में घुसपैठियों को बाहर नहीं करा गया। क्या इन घुसपैठियों का बचाव होना चाहिए, क्या इनको मतदान का अधिकार देना चाहिए। घुसपैठिया राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, इस पर राजनीति नहीं होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी यह नहीं बताएगी कि उस समय के चुनाव अधिकारी उनकी सरकार में चले जाते थे। जनता से दूरी को ईवीएम की गड़बड़ी बताते हैं। विपक्षी ईवीएम हटाना चाहते हैं। जब बैलेट पेपर से चुनाव होता था तो कितनी जाने जाती थी, कितनी हिंसा होती थी। इसके पूर्व उन्होंने फरवरी में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आयोजित चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने सरकार की नीतियों की तरफदारी की और विपक्ष पर मुद्दों के अभाव का आरोप लगाया।

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