सुभासपा का अखिलेश यादव पर तीखा तंज, अरविंद राजभर बोले- कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है, सॉल्यूशन का पता नहीं
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आजमगढ़। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव डॉ. अरविंद राजभर भी शामिल हुए। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि बैठक का मुख्य विषय एसआईआर (विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण) रहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों का विस्तृत डेटाबेस सौंपते हुए मृतक और लापता मतदाताओं की संदेहास्पद संख्या पर चिंता जताई है। सीएम ने निर्देश दिया है कि संगठन के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जाकर मतदाताओं से वन-टू-वन संपर्क करें और जिनका नाम दर्ज नहीं है, उन्हें सूची में शामिल कराया जाए।
डॉ. अरविंद राजभर ने कहा कि फर्जी मतदाताओं के नाम हटाना, बाहर रहने वाले वास्तविक मतदाताओं को जोड़ना और मृतकों को चिह्नित कर हटाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यही निर्वाचन आयोग उन्हें मुख्यमंत्री और सांसद बनाता रहा है, इसलिए आयोग पर सवाल खड़ा करना केवल जनता को गुमराह करने जैसा है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव के लिए कहा जा सकता है कि कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है, सॉल्यूशन का पता नहीं। अपनी चर्चा में उन्होंने प्रदेश के युवाओं के रोजगार, महिला आरक्षण 50 प्रतिशत, सामाजिक न्याय समिति और रोहिणी आयोग की रिपोर्ट पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता जताई। कहा कि अखिलेश यादव इसपर कभी भी चर्चा नहीं करते हैं। बल्कि इन सब मुद्दो से डायवर्ट करने का प्रयास करते हैं। डॉ. अरविंद राजभर ने दावा किया कि सुभासपा भाजपा के साथ केवल 2027 तक नहीं बल्कि 2047 तक रहेगी। वहीं, बैठक बाहर निकलते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि वर्तमान बिल राहत योजना से चार लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित हो चुके हैं। पुराने बकाए पर 100 प्रतिशत ब्याज माफी से ग्रामीणों को भारी राहत मिली है। स्मार्ट मीटर से जुड़े मामलों में जहां भी वास्तविक शिकायतें मिलती हैं, वहां चेक मीटर लगाकर समाधान कराया जा रहा है। उधर, बलिया के बांसडीह से विधायक केतकी सिंह ने बताया कि बैठक में मंडल के विकास कार्यों और एसआईआर की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मृतक मतदाताओं को सूची से हटाएं और जीवित और लापता हुए मतदाताओं के घर जाकर पता करें और वास्तविक मतदाता को जोड़ना सुनिश्चित करें, ताकि कोई भी वास्तविक वोटर सूची से बाहर न रह जाए।
