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सीएम योगी से मिले विधायक योगेश वर्मा, थप्पड़ मारने वाले चार कार्यकर्ता भाजपा से बर्खास्त

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लखीमपुर। लखीमपुर सदर से भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पिटाई के मामले में चार कार्यकर्ताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें लखीमपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की निवर्तमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह, उनके पति व पार्टी के सक्रिय सदस्य अवधेश सिंह समेत जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व सह संयोजक ज्योति शुक्ला शामिल हैं। अवधेश सिंह जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भी हैं। सोमवार को विधायक योगेश वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलकर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। विधायक के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पार्टी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने आरोपियों पर कार्रवाई से संबंधित पत्र जारी किया।
बता दें कि नौ अक्तूबर को लखीमपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के डेलीगेट चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें गड़बड़ी की शिकायत पर विरोध दर्ज कराने पहुंचे विधायक योगेश वर्मा की पुलिस के सामने ही पिटाई कर दी गई थी। घटना के वायरल वीडियो में अवधेश सिंह विधायक को थप्पड़ मारते नजर आए थे।
विधायक ने दी थी लिखित शिकायत
विधायक की ओर से अवधेश सिंह, पुष्पा, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से लिखित शिकायत की गई थी। इसके आधार पर प्रदेश महामंत्री ने 10 अक्तूबर को मारपीट के आरोपी सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद पार्टी ने सभी आरोपी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
थप्पड़ कांड से आहत विधायक योगेश वर्मा ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी। इस दौरान विधायक ने सीएम को पुलिस पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। विधायक ने बताया कि सीएम के ही निर्देश पर प्रदेश नेतृत्व ने मारपीट करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी से बर्खास्त करने की कार्रवाई की।
विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके अनुसार, सीएम ने यह भी आश्वासन दिया है कि विवेचना के बाद और धाराएं बढ़ा दी जाएंगी।
इससे पहले विधायक ने कई विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलकर घटना की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, वे इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के स्तर से भी कार्रवाई चाहते थे। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला विधायक और निजी व्यक्ति से संबंधित होने के कारण प्रोटोकॉल के अंतर्गत नहीं आता है।

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