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मथुरा पहुंचे संघ प्रमुख: पदाधिकारियों ने की आगवानी; अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में होंगे शामिल

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मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक होनी है। इसमें शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को फरह क्षेत्र के परखम पहुंच गए हैं। यहां मौजूद संघ पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। गौतम कुटी में मोहन भागवत की ठहरने की व्यवस्था की गई है। रविवार सुबह संघ के पूर्ण गणवेश में योग का कार्यक्रम किया जाएगा जिसमें तीन हजार स्वयं सेवक भाग लेंगे। इसके बाद कार्यकारिणी मंडल की बैठक की योजना तैयारी की जाएगी। दरअसल, कस्बा फरह के परखम में आरएसएस का रविवार से 10 दिवसीय कार्यक्रम होने जा रहा है। संगठन के स्थापना के 100 वें साल में प्रवेश करने के बाद ब्रज प्रांत में अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की पहली बैठक होगी। 25 और 26 अक्तूबर को होने वाली बैठक में 46 प्रांतों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत शनिवार शाम छह बजे परखम के दीनदयाल गौ-विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र पहुंच गए हैं। जिले के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत की। वह रविवार सुबह 9:30 बजे तीन हजार स्वयंसेवकों के साथ पूर्ण गणवेश में योग करेंगे। इसके बाद टोली की बैठक की जाएगी। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और छह सह सरकार्यवाह मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि टोली की बैठक में अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की कार्यप्रणाली को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। साथ ही 100वें स्थापना दिवस के ऐतिहासिक मौके को लेकर भी एजेंडा तैयार किया जाएगा। बता दें, अगले साल 25 सितंबर को संगठन की स्थापना के सौ साल पूरे हो रहे है। ऐसे में बैठक इस बार खास रहेगी। कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जाएंगे।

संघ प्रमुख की अगुवाई करने के लिए जगह-जगह पदाधिकारी मौजूद रहे। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सर सहकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, क्षेत्र कार्यवाह डॉ. प्रमोद शर्मा, क्षेत्र प्रचारक महेंद्र शर्मा, ब्रज प्रांत कार्यवाह राजकुमार, प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र, सर्व व्यवस्था प्रमुख महावीर और सह सर्व व्यवस्था प्रमुख हरी शंकर शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे। उधर, बीच में भी कई जगह पदाधिकारी स्वागत करने के लिए खड़े थे। लेकिन, सुरक्षा-व्यवस्था की वजह से स्वागत करना संभव नहीं हो सका। पदाधिकारियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

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