तब भाजपा नेता पर 24 घंटे में कराए थे 32 मुकदमे, अब मनी लॉन्ड्रिंग में फंसीं शहला ताहिर
1 min readबरेली। सपा सरकार में सियासत की सूरमा रहीं शहला ताहिर अब कानूनी दांवपेच में फंस गई हैं। बरेली के नवाबगंज की पालिकाध्यक्ष रहते 10.14 करोड़ रुपये के गबन की प्राथमिक जांच में वह दोषी पाई जा चुकी हैं। अब ईडी ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वर्ष 2015 में नगर पालिका अध्यक्ष रहीं शहला ताहिर पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर पर 24 घंटे में 32 मुकदमे दर्ज कराकर चर्चा में आई थीं। हालांकि, भाजपा सरकार आते ही इन मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट भी लग गई, लेकिन शहला ताहिर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। निजी अस्पताल में तोड़फोड़ कर स्टाफ को पीटने के मामले में वर्ष 2011 में शहला पर जो रिपोर्ट दर्ज हुई थी, उसमें उन्हें जेल जाना पड़ा था।
नवाबगंज के विजय राठौर ने वर्ष 2017 में नगर पालिका के चुनाव के दौरान बवाल और मारपीट के मामले में शहला पर रिपोर्ट कराई थी। पालिकाध्यक्ष चुने जाने पर नगर में जुलूस निकाल रहीं शहला ताहिर और उनके 50 समर्थकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था जो हाईकोर्ट में विचाराधीन है। डीएम के आदेश पर लेखपाल ने वर्ष 2023 में शहला पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने का मुकदमा दर्ज कराया है। पीलीभीत के थाना सुनगढ़ी में फर्जी अधिशासी अधिकारी बनाने का भी मुकदमा दर्ज हुआ था। यह भी कोर्ट में विचाराधीन है। पूर्व पालिकाध्यक्ष शहला ताहिर ने बताया कि ईओडब्ल्यू मामले में कैग की चार सदस्यीय टीम ने नवाबगंज पालिका कार्यालय आकर रिकॉर्ड लिया था। उस टीम ने हमें निर्दोष माना था। दो कर्मचारी दोषी मिले थे, जिनके खिलाफ मैंने ही पहले रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हमारे पास बेगुनाही का पूरा रिकॉर्ड है, उसे ईडी के समक्ष रख देंगे। शहला ताहिर पर वित्तीय घोटाले की शिकायत दो साल पहले शासन से की गई थी। लखनऊ के ईओडब्ल्यू थाने की टीम ने इस मामले में खुली जांच की तो शहला के पालिकाध्यक्ष रहते 10.14 करोड़ रुपये गबन की पुष्टि हुई। इस मामले में वहीं पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। अब उसी मामले में ईडी ने शहला ताहिर को आरोपी बनाया है। आईपीसी के तहत आरोपों की विवेचना अब भी ईओडब्ल्यू की टीम करेगी, जबकि आर्थिक अपराध की जांच ईडी के जिम्मे होगी। शहला के अलावा तीन पूर्व ईओ व पालिका के सात कर्मचारी भी ईओडब्ल्यू थाने में आरोपी हैं।