यह बिजली विभाग है: पहले माह ही स्मार्ट मीटरों ने उगले गलत बिल, उपभोक्ता दफ्तरों के लगा रहे चक्कर
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मुरादाबाद। मुरादाबाद की कुछ कॉलोनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे अभी एक माह ही हुआ है, लेकिन बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। पहले महीने में ही इन मीटरों ने गलत बिल निकालने शुरू कर दिए हैं।
अब इनमें संशोधन के लिए उपभोक्ता विद्युत निगम के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। रामगंगा विहार कॉलोनी, आशियाना, एकता विहार, मानसरोवर आदि कॉलोनियों में यह मीटर लगाए गए हैं। रामगंगा विहार से ज्यादातर शिकायतें अधिकारियों को प्राप्त हुई हैं। दो किलोवाट के कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर से लोगों को 30-30 हजार रुपये के बिल मिले हैं। जबकि पुराने मीटर की कोई रीडिंग शेष नहीं थी और बिल भी समय से जमा किए थे। निगम के अधिकारियों ने माना है कि शुरुआत में कुछ उपभोक्ताओं के साथ यह दिक्कत आई है।
इसे सुधारा जा रहा है, नए प्रीपेड मीटर धीरे-धीरे सिस्टम में अपग्रेड किए जा रहे हैं। वहीं लोगों ने सवाल उठाया है कि यदि कुछ महीने चलने के बाद स्मार्ट मीटर फिर तेजी से रीडिंग बनाने लगा तो कहां शिकायत करेंगे। इस पर निगम ने तर्क दिया है कि अधिकारियों ने भी अपने घरों में प्रीपेड मीटर लगवाए हैं। भविष्य में ऐसी समस्या नहीं आएगी।
केस-1
रामगंगा विहार में ईडब्ल्यूएस ट्रिपल स्टोरी की निवासी मंजुला रानी के घर दो किलोवाट का बिजली कनेक्शन है। उन्होंने बताया कि सितंबर में उनके घर प्रीपेड मीटर लगा है। रविवार को जो बिल मिला, उसमें 4500 यूनिट दिखाए गए हैं।
इसका बिल 29355 रुपये आया है। दिवाली से तुंरत पहले इतना बिल आने से परिवार वाले परेशान हो गए। उन्होंने बिजलीघर जाकर जेई से शिकायत की तो उन्होंने बिल संशोधित कराने का आश्वासन दिया है।
केस-2
आशियाना काॅलोनी के निवासी ऋषि मल्होत्रा का तीन किलोवाट का विद्युत कनेक्शन है। उनके घर भी सितंबर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है। ऋषि ने बताया कि शनिवार को उन्होंने बिजली का बिल देखा तो हैरत में पड़ गए।
एक माह में 6000 यूनिट का बिल बना है। इसकी राशि 39122 रुपये बताई गई है। उन्होंने फौरन बिजलीघर के जेई से संपर्क किया और गलत बिल की सूचना दी। बिजलीघर से उन्हें बिल संशोधन का आश्वासन मिला है।
शहर में दो लाख उपभोक्ता हैं। वर्तमान में 10 हजार से भी कम उपभोक्ताओं के यहां नए प्रीपेड मीटर लगे हैं। शुरुआत में बिलिंग को लेकर समस्या आ रही है। इसे सुधारा जा रहा है, भविष्य में इस तरह की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी। – विजय कुमार गुप्ता, अधीक्षण अभियंता
