भारत ने यूएन में बताया मध्य पूर्व में शांति का तरीका
1 min readन्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने गुरुवार को मध्य पूर्व की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भारत का वक्तव्य दिया। इस दौरान भारत ने मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने का तरीका बताया।
भारत ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में उसकी तरफ से फिलिस्तीन के जरूरतमंद लोगों की मदद जारी रहेगी और भारत और भी राहत सामग्री भेजेगा। इसके साथ ही इजरायल पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत की ओर से कहा गया कि दोनों देशों को साथ मिलकर बात करनी चाहिए और शांति स्थापित करने के लिए समाधान निकालना चाहिए। भारत ने किसी एक देश का समर्थन करने के बजाय दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की बात कही। भारत के स्थायी मिशन के एक बयान के अनुसार भारतीय राजदूत हरीश ने कहा भारत फिलिस्तीनी लोगों के लिए और अधिक मदद करने के लिए तैयार है। हमारे विकास सहायता का पैमाना वर्तमान में 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी को दिए गए 37 मिलियन डॉलर की मदद भी शामिल है।
उन्होंने कहा हमने इस वर्ष 22 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी को 6 टन दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप भी भेजी है। 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकवादी हमले हमारी स्पष्ट निंदा के पात्र हैं। मैं सभी बंधकों की तत्काल रिहाई और युद्ध विराम के लिए भारत के आह्वान को दोहराता हूं। हम टू-स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन करते हैं, जिसमें पारस्परिक रूप से सहमत सीमाओं के भीतर एक संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना शामिल है।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व के अपने दृष्टिकोण में अपने अटूट विश्वास को रेखांकित करता है। भारत के रूप में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास एक विश्वसनीय भागीदार है, जो एक शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व बनाने और दीर्घकालिक शांति और स्थिरता स्थापित करने की दिशा में सभी संबंधित हितधारकों के साथ अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तैयार है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)