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पछुआ हवा चलने के साथ ही प्रदेश में गिरेगा पारा, मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि क्यों नहीं हो रही है सर्दी

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लखनऊ। नवंबर माह का दूसरा हफ्ता बीतने को है। सुबह और शाम को छोड़कर दिन के बाकी हिस्से में ठंड का अहसास गायब है। मौसम वैज्ञानिकों ने इसकी मुख्य वजह प्रदेश में किसी भी पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय न होना और पहाड़ों पर बर्फबारी की नामौजूदगी बताया है। प्रदेश के अधिकांश पूर्वी और तराई इलाकों में अभी भी दिन में गर्मी महसूस की जा रही है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में क्रमिक गिरावट देखने को मिलेगी और धीरे धीरे नवंबर की गुलाबी ठंड देखने को मिलेगी। हालांकि अधिकतम तापमान में हाल में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा। सोमवार को यूपी के ज्यादातर इलाकों में सुबह के वक्त कोहरे की चादर लिपटी दिखी। वहीं तराई इलाकों सिद्धार्थनगर, बहराइच, महराजगंज, गोरखपुर आदि में सुबह कोहरे के साथ दोपहर में धुंध छाई रही। मौसम वैज्ञानिकों ने कोहरे और धुंध की वजह वातावरण में प्रभावी हवाओं की नामौजूदगी और वायुमंडलीय स्थिरता बताई है।

 आमतौर पर नवंबर माह में चलने वाली उत्तरी- पश्चिमी हवाओं के असर से ठंड की शुरुआत होती है। प्रदेश में फिलहाल कोई भी पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय नहीं है और न तो पहाड़ों पर बर्फबारी हुई है। इस बार नवंबर में अब तक जलवायुवीय तौर पर तापमान में गिरावट का कोई विशेष कारण न होने से ऐसी स्थिति बनी।

रविवार को 34.5 डिग्री के अधिकतम तापमान के साथ झांसी सर्वाधिक गर्म रहा। प्रयागराज में अधिकतम 33.3 डिग्री और उरई में 33 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा। न्यूनतम तापमान की बात करें तो चुर्क में 16.2 डिग्री, मेरठ और नजीबाबाद दोनों में 17 डिग्री और कानपुर व अयोध्या में 17.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

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