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प्रयागराज में रातभर प्रदर्शन: क्यों छिड़ी है रार? एक समान मूल्यांकन पर स्पष्ट नहीं नॉर्मलाइजेशन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के निर्णय पर हुए बवाल के कारण गरमाई सियासत के बीच प्रतियोगी छात्रों ने भी अपना एक नारा गढ़ लिया है। बेमियादी धरने पर बैठे छात्रों का नारा है, ‘न बटेंगे न हटेंगे।’ इस नारे वाले हजारों पर्चे छात्रों के बीच वितरित किए गए।छात्रों ने इस नारे के जरिये आयोग को संदेश भेजा है कि जब तक दो दिन परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने का नोटिस जारी नहीं किया जाएगा, तब तक छात्र धरना स्थल से हटने वाले नहीं हैं। धरना स्थल पर छात्रों ने हाथों में कई तख्तियां भी ले रखीं थीं, जिन पर नारे लिखे थे। छात्र इन नारों के जरिये आयोग के निर्णय के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। धरना स्थल पर न तो किसी छात्र संगठन और न ही किसी राजनीति दल का झंडा दिखा। छात्रों केवल तिरंगा लहराते दिखे। चंद्रशेखर आजाद पार्क से महज 200 मीटर दूसरे इस आंदोलन के दौरान छात्रों के हाथों में शहीद चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और महात्मा गांधी की तस्वीरें लहराती नजर आई। छात्र बार-बार कहते रहे कि वे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं और मांगें पूरी होने तक वहीं डटे रहेंगे। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिलने के कारण दो दिन परीक्षा कराने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन लागू करने की कोई मजबूरी है तो इसका भी समाधान है। प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के मद्देनजर जिस शासनादेश के तहत केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया को सख्त बनाया गया है और निजी स्कूल-कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, उस शासनादेश में संशोधन भी किया जा सकता है। सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालयों, पॉलीटेक्निक को भी परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है। वैसे भी प्रश्नपत्रों की सुरक्षा और परीक्षा कराने की जिम्मेदारी शासन की है तो छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। इसकी क्या गारंटी की दो दिन परीक्षा कराने में पेपर लीक नहीं होगा।

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