मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर, बाधक बनी याचिका हुई वापस; कभी भी हो सकती घोषणा
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लखनऊ। यूपी में अयोध्या के मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव में बाधक बनी चुनाव याचिका वापस लेने की अर्जी को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंजूरी दे दी है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अयोध्या के मिल्कीपुर सीट से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने भाजपा के गोरखनाथ को 13 हजार वोटों से हराया था। भाजपा प्रत्याशी ने सपा प्रत्याशी के चुनाव नामांकन पत्र में खामियों को आधार बनाकर उनके निर्वाचन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याचिका लंबित होने से चुनाव आयोग ने उपचुनावों की घोषणा में मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की थी।
मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा न होने पर भाजपा प्रत्याशी ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका की वापसी की अर्जी दी थी। अदालत ने 17 अक्तूबर 2024 को पिछली सुनवाई के दौरान याची कोे मामले से संबंधित गैजेट प्रकाशित करने का आदेश दिया था। गैजेट प्रकाशित होने की सूचना देने के बाद अदालत ने याचिका वापसी के प्रार्थनापत्र को मंजूरी दे दी।
भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ ने सपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र में दाखिल हलफनामे पर सवाल उठाते हुए 22 अप्रैल 2022 को अदालत में मामला दाखिल किया था। याचिका में कहा गया कि सपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र के हलफनामा पर जिस अधिवक्ता ने नोटरी की थी उन्हें नोटरी करने का अधिकार नहीं था। मामला लंबित होने के कारण हाल ही में हुए उपचुनाव में मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की घोषणा नहीं की गई थी। मिल्कीपुर उपचुनाव की घोषणा न होने पर चुनाव आयोग से इससे संबंधित प्राविधान को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी। जनहित याचिका पर अदालत ने चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था। इस पर अभी निर्णय नहीं हो सका है। वहीं उपचुनाव के नतीजों के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा पर कई आरोप लगाए। सपा मुखिया ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग से भाजपा चुनाव जीती। चुनाव में शासन-प्रशासन दुशासन बना। लोकतंत्र के चीर-हरण को जनता रोकेगी। ईवीएम के बटन की फोरेंसिक जांच कर ली जाए कि एक ही उंगली से कितनी बार बटन दबा। जिनकी उंगली पर निशान नहीं है, उनके भी वोट डाले गए। कुंदरकी के चुनाव में भाजपा ने बड़े पैमाने पर बेईमानी की। यह चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। वोट को लूटकर भाजपा ने चुनाव जीता। अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा हार से डरती थी, तभी मतदान की तारीखों को आगे बढ़ा दिया था। मिल्कीपुर को लेकर भी अखिलेश यादव सरकार को घेरते रहते हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि भाजपा के सर्वे में मिल्कीपुर में हार मिल रही है। इसलिए चुनाव को टाल दिया गया। अब हाइकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। इससे उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अब एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने वाली है। अब बस इतंजार इस बात रहेगा कि इस सीट पर चुनाव कब होगा?
