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मैनेजमेंट अपने लाडले प्रिंसिपल को कबतक बचाएगा!

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०डीएम ने प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अब क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी को लिखा पत्र 

राष्ट्रीय झंडा संहिता -2002, राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम -1971, संशोधित -2003 के तहत हो सकती है कार्रवाई 

०विश्वविद्यालय परिनियमावली की धारा 49(ण)16.04की उपधारा -2 के अन्तर्गत निरन्तर कुप्रबंधन के दोषी पाए जाने पर पदच्युत करने की मांग 

आजमगढ़ । शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ के प्राचार्य प्रोफेसर अफसर अली की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सरेआम राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा का अपमान प्रकरण पर पहले कार्रवाई के लिए एडीएम एफआर ने प्रबंधक को पत्र लिखा गया। 25 अक्टूबर तक कार्रवाई करने की तय सीमा बीत जाने के बाद भी जब मैनेजमेंट ने प्राचार्य पर कार्रवाई नहीं की, तो नवागत जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने अब 23 नवंबर को प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी को पत्र भेजा है। जिसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है।

बताते चलें कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा का अपमान शिब्ली कालेज में स्वतंत्रता दिवस समारोह में हुआ था। यह अपमान स्वयं प्राचार्य अफसर अली द्वारा किया गया। जिसकी पहली शिकायत जर्नलिस्ट क्लब ने किया। फिर भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रविशंकर तिवारी ने आयुक्त आजमगढ़ से की। जिलाधिकारी ने इस प्रकरण की जांच के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुनील कुमार धनवंता को आदेश दिया। जांच के लिए गठित त्रि-सदस्यीय जांच कमेटी ने शिकायत की जांच करने के लिए शिब्ली कालेज पहुंची और प्राचार्य का बयान लिया। जहां प्राचार्य ने वायरल वीडियो में स्वयं के होने की आरोप को स्वीकार किया और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान प्रमाणित हुआ।‌ इस रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय झंडा संहिता -2002, राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम-1971, तथा संशोधित -2003 की धारा -2 के अन्तर्गत कार्रवाई के लिए शिकायत प्रभारी ने प्रबंधक को आदेश दिया। बावजूद प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने पूरे प्रकरण से अपर मुख्य सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन दीपक कुमार से अवगत कराया। जिस पर गृह विभाग ने तत्काल कार्रवाई करने के एडीजी वाराणसी और कमिश्नर आजमगढ़ को 24 अक्टूबर को आदेश दिया।‌ कमिश्नर ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया। एडीएम प्रशासन ने भी जांच की तो ध्वज का अपमान हुआ पाया गया उन्होंने प्राचार्य को कर्मचारी आचरण नियमावली के विरुद्ध पाया। दोनों जांच आख्याओं के आधार पर प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी को 23 नवंबर को आदेश दिया।

अब देखना है कि उच्च शिक्षा निदेशालय के नियंत्रण में चलने वाले इस अल्पसंख्यक कालेज शिब्ली के प्राचार्य और प्रबंध तंत्र पर वैधानिक और विभागीय कार्रवाई क्या और कबतक होती है। मामला राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान का है।

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