बांग्लादेश के दौरे पर विदेश सचिव, अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर जताई चिंता
1 min readढाका। बांग्लादेश के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की और पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर चिंता जताई। मिसरी ने अवगत कराया कि नई दिल्ली की इच्छा ढाका के साथ ‘सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद’ संबंध बनाने की है।
सोमवार को ढाका पहुंचे मिसरी ने बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ विदेश कार्यालय परामर्श भी किया। विदेश सचिव ने आपसी विश्वास और सम्मान तथा एक-दूसरे की चिंताओं और हितों के प्रति आपसी संवेदनशीलता के आधार पर बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने की भारत की इच्छा को दोहराया। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत-बांग्लादेश संबंधों में लोग मुख्य हितधारक हैं, उन्होंने कहा कि भारत का विकास सहयोग और बांग्लादेश के साथ बहुआयामी जुड़ाव, जिसमें कनेक्टिविटी, व्यापार, बिजली, ऊर्जा तथा क्षमता निर्माण के क्षेत्र शामिल हैं, सभी बांग्लादेश के लोगों के लाभ के लिए हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा विदेश सचिव ने हाल के कुछ घटनाक्रमों और मुद्दों पर भी चर्चा की और भारत की चिंताओं, खासकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताओं से अवगत कराया। उन्होंने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं को भी उठाया।
विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान, दोनों पक्षों ने राजनीतिक और सुरक्षा मामलों, सीमा प्रबंधन, व्यापार, वाणिज्य और संपर्क, जल, बिजली और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग, विकास सहयोग, कांसुलरी, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों को कवर करने वाले कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और बिम्सटेक ढांचे के तहत क्षेत्रीय एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए परामर्श और सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के अपदस्थ होने के बाद भारत की ओर से यह पहला उच्च-स्तरीय दौरा है। विदेश सचिव की यात्रा भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय जुड़ाव को बनाए रखने में मदद करेगी, ताकि चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ संबंधों में महत्वपूर्ण मुद्दों को आगे बढ़ाया जा सके।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)