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मण्डलायुक्त व डीआईजी ने किया अतरौलिया में 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय एवं थाना का निरीक्षण

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किसी भी दशा में अस्पताल में बाहर की दवायें नहीं आनी चाहिए: मण्डलायुक्त

डीआईजी ने थाना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय और एक कांस्टेबल को निलम्बित करने का दिया निर्देश

आज़मगढ़। मण्डलायुक्त विवेक व डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने अपने निरीक्षण के क्रम में वृहस्पतिवार को देर सायं 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय अतरौलिया तथा थाना अतरौलिया का औचक निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों द्वारा किए गये निरीक्षण के दौरान 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से बातचीत के दौरान बताया गया कि दवायें मिल रही हैं परन्तु कुछ दवायें अस्पताल में उपलब्ध नहीं होने के कारण बाहर से लानी पड़ती हैं। मण्डलायुक्त विवेक इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करतमे हुए सीएमएस डा. एसके ध्रुव को निर्देश दिया कि जो दवायें उपलब्ध नहीं हैं उसकी तत्काल आपूर्ति कराई जाय, किसी भी दशा में अस्पताल से बाहर की दवायें नहीं आनी चाहिए। सर्जिकल वार्ड के निरीक्षण के दौरान मरीजों द्वारा व्यवस्था को ठीक बताया गया। अस्पताल में भोजन व्यवस्था के सम्बन्ध में पूछे जाने पर सीएमएम द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 से टेण्डर प्रक्रिया नहीं होने के कारण मरीजो को भोजन नहीं दिया जा रहा है, केवल नाश्ते में दूध और बिस्कुल दिया जा रहा है। मण्डलायुक्त ने इस नाराजगी व्यक्त किया तथा सीएमएस को सख्त हिदायत दी कि तत्काल जिलाधिकारी से सम्पर्क कर टेण्डर प्रक्रिया आदि को एक माह के अन्दर पूर्ण कराते हुए मरीजों को भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाय। महिला वार्ड के निरीक्षण के दौरान सीएमएस द्वारा अवगत कराया गया कि अस्पताल में महिला डाक्टर की तैनाती नहीं है, जिससे महिला मरीजो को असुविधा होती है। इस पर मण्डलायुक्त विवेद ने निर्देश दिया कि तत्काल जिलाधिकारी से सम्पर्क करें तथा महिला चकित्सक की शीघ्र तैनाती हेतु शासन से पत्र भेजंे। अवगत कराया गया कि अस्पताल में महिलाओं की जॉंच हेतु अल्ट्रासाउण्ड मशीन, बीपी जॉंच हेतु डिजिटल मशीन आदि सुविधायें उपलब्ध हैं, आयुष्मान कार्ड सक्रिय है, जिसपर मण्डलायुक्त व डीआईजी द्वारा सन्तोष व्यक्त किया गया।

                अस्पताल के निरीक्षण के बाद दोनों अधिकारियों द्वारा थाना अतरौलिया का भी निरीक्षण किया गया। मण्डलायुक्त विवेक व डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने निरीक्षण के दौरान थाने में स्थापित महिला हेल्प डेस्क की जॉंच किया जिसमें पाया कि एक पीड़ित महिला के प्रकरण की जॉंच हेड कान्सटेबल मनोज यादव द्वारा की गयी है, जिसमें हेड कांस्टेबल द्वारा समझौता करा दिये जाने की रिपोर्ट लगाई गयी है, जबकि पीड़ित महिला से अधिकारियों द्वारा बातचीत की गयी तो पीड़ित महिला द्वारा समझौते और प्रकरण का निस्तारण हो जाने से साफ इन्कार किया गया। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीआईजी श्री सिंह ने उक्त हेड कांस्टेबल को निलम्बित करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार एक शिकायत के सम्बन्ध में पूछे जाने पर हेड कांस्टेबल सीताराम यादव द्वारा गलत जानकारी दी गयी, जिसे उच्च अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किए जाने का दोषी मानते हुए उक्त हेड कांस्टेबल को तथा दो अन्य हेड कांस्टेबल चन्दना दीक्षित व रविशंकर भारती द्वारा पत्रावलियों का रखरखाव सही ढंग से नहीं किए जाने, पत्रावलियों में अंकन नहीं किए जाने आदि अनियमिततओं के कारण दोनों कांस्टेबल को वार कक्ष में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया। तहसील दिवस की पंजिका के अवलोकन में पाया गया कि थाना प्रभारी वीरेन्द्र कुमार सिंह द्वारा शिकायतों का सही अंकन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा सम्पूर्ण समाधान दिवस, थाना दिवस, जन सुनवाई प्राप्त शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण भी नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक को इस सम्बन्ध में जॉंच कर थाना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

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