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महाकुंभ में तीन लाख करोड़ रुपये का हुआ व्यापार

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आस्था से अर्थव्यवस्था तक का अद्भुत संगम

महाकुंभ नगर (प्रयागराज)। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ ने व्यापार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार इस बार के महकुंभ ने तीन लाख करोड़ रुपये (360 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक का व्यापार उत्पन्न किया है, जिससे यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बन गया है। कैट महासचिव और सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह आयोजन आस्था और अर्थव्यवस्था के गहरे संबंध को दर्शाता है।

13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। खंडेलवाल ने बताया कि शुरुआती अनुमान के अनुसार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और दो लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना थी, लेकिन देशभर में इस आयोजन को लेकर अभूतपूर्व उत्साह के कारण अब 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे कुल व्यापार 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है।

व्यापार के प्रमुख क्षेत्र जो हुए प्रभावित

पर्यटन, होटल और आवास सेवाएं

खाद्य और पेय पदार्थ उद्योग

परिवहन और लॉजिस्टिक्स

पूजा सामग्री, धार्मिक वस्त्र और हस्तशिल्प

हेल्थकेयर और वेलनेस सेवाएं

मीडिया, विज्ञापन और मनोरंजन उद्योग

स्मार्ट टेक्नोलॉजी, सीसीटीवी, टेलीकॉम और AI आधारित सेवाएं

150 किमी तक हुआ प्रभाव

महाकुंभ के कारण केवल प्रयागराज ही नहीं, बल्कि 150 किमी के दायरे में स्थित शहरों और कस्बों में भी व्यापार में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। इसके अलावा, अयोध्या, वाराणसी और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे वहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।

यूपी सरकार का बुनियादी ढांचे पर 7500 करोड़ का निवेश

महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के सड़क, फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण एवं सुधार पर 7500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस राशि में से 1500 करोड़ रुपये विशेष रूप से महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के लिए आवंटित किए गए थे।इससे न केवल प्रयागराज में, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी यातायात और नागरिक सुविधाओं में सुधार हुआ है।

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