10 दिन में दो शादी, फिर मिली विवाहिता की लाश
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परिवार में मची चीत्कार; नहीं रुके आंसू
एटा। एटा में परिवार में 10 दिन के अंतराल में दो शादियां हुई थीं। 14 फरवरी को नीतू और 24 फरवरी को उसकी भतीजी रूबी का विवाह हुआ। लेकिन ये दोहरी खुशियां क्षणिक ही रहीं। अब परिवार में नीतू की मौत का मातम पसर गया है। नीतू के पिता तीन भाई हैं। तीनों के घर अगल-बगल बने हुए हैं। एक दिन पहले तक इन तीनों घरों में खुशियों की मिठास थी। मंगल गीत गूंज रहे थे। जो रिश्तेदार शादी की खुशी में शामिल होने आए थे, उनमें से अधिकांश अभी नहीं लौटे थे। घर के हालात देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता था कि शादी धूमधाम से खुशनुमा माहौल में हुई। अभी तक वहां शादी के लिए किराए पर लिया गया काफी सामान रखा था। इनको फुर्सत में वापस भेजा जाता, लेकिन उससे पहले घर पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। नीतू के भाई आमोद ने बताया कि वह लोग तीन बहन और 2 भाई हैं। बहनों में सबसे छोटी नीतू और भाइयों में सबसे छोटा वह है। नीतू की शादी के बाद 24 फरवरी को भतीजी रूबी की शादी थी। 22 फरवरी को बहन और बहनोई आ गए थे। 24 फरवरी की रात से भोर तक भतीजी की वैवाहिक रस्में चलीं। इसके बाद विदा होते-होते दोपहर हो गई। परिवार के हम सभी लोग शादी के कामों में जुटे हुए थे। किसी का इस ओर ध्यान नहीं गया कि बहन कहीं नहीं है। गौर किया तो उसकी तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं लगा। पूरी रात बेचैनी में कटी। तड़के 3:30 बजे खेत में पानी लगाने गए गांव के एक व्यक्ति ने पेड़ पर शव देखे तो यह खबर पूरे गांव में फैल गई।
युवक-युवती की मौत से चार परिवार प्रभावित हुए हैं। वीरपाल टेंट हाउस का काम करता था। उसका छह साल का बेटा व चार साल की बेटी है। रोती-बिलखती बेहाल पत्नी मुन्नी देवी को समझ नहीं आ रहा कि कैसे गृहस्थी की गाड़ी आगे बढ़ेगी और बच्चों का पालन-पोषण, शिक्षा-दीक्षा कैसे हो सकेगी? ऐसे में उसके मायके वाले भी विचलित हैं। जबकि नीतू की मौत से उसके मायके पक्ष वाले तो दुखी हैं ही, साथ में ससुराल वाले भी हतप्रभ हैं। 10 दिन पहले शादी हुई और अब यह हो गया है। गांव अंगदपुर में बुधवार सुबह एक पेड़ पर युवक-युवती के शव लटके मिले। युवती की साड़ी के दोनों सिरों से फंदे बनाए गए थे। गांव वालों के अनुसार कई साल से दोनों का प्रेम प्रसंग चल रहा था। 14 फरवरी को युवती की शादी होने के बाद जब सभी उम्मीदें खत्म हो गईं तो उन्होंने यह कदम उठा लिया। शव नीतू और वीरपाल के थे।
