नक्शा पास में देरी पर CM योगी सख्त, पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के निर्देश
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने की प्रक्रिया में देरी और बार-बार आपत्ति लगाने की शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार को आवास विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को नक्शा पास करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के निर्देश दिए। सीएम ने एक ही बार में नक्शा पास करने की व्यवस्था लागू करने और लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय करने को कहा। साथ ही, प्रदेश के 59 शहरों में से शेष बचे शहरों का मास्टर प्लान इसी महीने तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में शहरी नियोजन, आवासीय सुरक्षा, अधोसंरचना विकास और डिजिटल प्रबंधन को एकीकृत दृष्टिकोण से लागू करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री को बताया गया कि मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किमी लंबे अंडरग्राउंड मेट्रो रेल का निर्माण पूरा हो चुका है। कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर एक और दो का काम इस साल के अंत तक, जबकि आगरा मेट्रो का पहला कॉरिडोर दिसंबर 2025 तक और दूसरा चरण 2026 तक पूरा होगा। लखनऊ में चारबाग से बसंतकुंज तक 11.165 किमी मेट्रो रेल की प्रक्रिया भी चल रही है।
आगामी तीन महीनों में उत्तर प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम-2025, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 लागू करने पर चर्चा हुई। इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के तहत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जल्द लागू होंगे। सीएम ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा बढ़ाने और जेपीएनआईएसी को इसके हवाले करने के निर्देश दिए। साथ ही, लखनऊ इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कंवेंशन सेंटर को 900 करोड़ की लागत से 32.50 एकड़ में दो साल में पूरा करने को कहा।
लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को समाहित करते हुए 27,826 वर्ग किमी में बनने वाले स्पेशल सिटी रीजन (एससीआर) की डीपीआर जल्द तैयार होगी। शहरी विस्तार और नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ में परियोजनाएं जून से दिसंबर 2025 तक लॉन्च होंगी।
प्रदेश के 59 शहरों के मास्टर प्लान में से 42 को मंजूरी मिल चुकी है। झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ और बहराइच के प्लान को इसी महीने मंजूरी देने के निर्देश दिए गए। प्रवासी श्रमिकों के लिए पीपीपी मॉडल पर विशेष आवासीय योजनाएं, ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणीकरण, सोलर रूफटॉप, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और अपशिष्ट प्रबंधन को अनिवार्य शहरी मानक बनाने पर जोर दिया गया। यूपी आवास एप और रेरा पोर्टल को और पारदर्शी बनाने के निर्देश भी दिए गए।
