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प्रदेश को दक्षिण से जोड़ेगा 1989 किमी लंबा कॉरिडोर, मप्र, आंध्र, तेलंगाना और महाराष्ट्र पहुंचना होगा आसान

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लखनऊ। प्रदेश के आठ अलग-अलग मार्गों को जोड़कर 1989 किमी लंबा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर बनेगा। इसका प्रस्तुतीकरण मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई पीडब्ल्यूडी की बैठक में दिया गया। यह कॉरिडोर नेपाल सीमा से लेकर दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ेगा। साथ ही प्रदेश से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। इससे सीमावर्ती जिलों में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकांश राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पूर्व-पश्चिम दिशा में केंद्रित हैं, ऐसे में अब नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ने वाले एक उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के अंतर्गत आने वाले हिस्सों में एनएचएआई का सहयोग लिया जाए और शेष मार्गों का निर्माण, सुदृढ़ीकरण तथा चौड़ीकरण राज्य स्तर पर कराया जाए। इसमें जहां आवश्यक हो, वहां ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएं।

उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के निर्माण पर 18 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह फोरलेन होगा। कुल 1989 किमी में से 1250 किमी हिस्सा एनएचएआई और 739 किमी हिस्सा यूपी पीडब्ल्यूडी के अधीन होगा। कुल लंबाई में 552 किमी की ग्रीनफील्ड परियोजनाएं होंगी। यानी, इसे जमीन लेकर नवनिर्माण करना होगा। शेष में चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का काम होगा।

ये स्थान जुड़ेंगे कोटद्वार-नजीबाबाद-अमरोहा-इटावा-ललितपुर-सागर(मध्य प्रदेश)

– काशीपुर-मुरादाबाद-हाथरस-मथुरा-भरतपुर (राजस्थान)

-पिथौरागढ़-पीलीभीत-शाहजहांपुर-कानपुर-हमीरपुर, छतरपुर (मध्य प्रदेश)

– ककरहवा (नेपाल बॉर्डर)-बांसी-बस्ती-जौनपुर

-भोगिनीपुर-औरेया-कन्नौज-हरदोई-सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा(नेपाल बॉर्डर)

-पडरौना-देवरिया-मऊ-गाजीपुर-मेदिनीनगर (झारखंड)

-श्रावस्ती-गोंडा-अयोध्या-प्रयागराज-चाकघाट

-ऊंचाहार-चित्रकूट

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