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एक गलती और लग गया लाशों का ढेर

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ड्राइवर से कह रहे थे कि धीरे-धीरे चलाओ लेकिन वह नहीं माना

बुलंदशहर। जिला अस्पताल में भर्ती घायल आशीष और उनकी पत्नी नीलम ने बताया कि वे लोग ड्राइवर से कह रहे थे कि धीरे-धीरे चलाओ लेकिन वह नहीं माना। तेज रफ्तार की वजह से ही स्पीड ब्रेकर के आते ही कैंटर अनियंत्रित हो गया। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त लगभग सभी लोग नींद में थे। लोग पंजाब के मोड़ा से बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे तीन कैंटर में सवार होकर अपने गांव जाने के लिए निकले थे। पंजाब से उनके साथ चलीं दो गाड़ियां आगे निकल गई थीं। उन्हें पाने के लिए चालक सुनील ने स्पीड बढ़ा दी थी। आशीष ने कई बार उससे धीरे चलाने के लिए कहा था। तेज रफ्तार से कैंटर में सवार बच्चों और महिलाओं को हो रही परेशानी का हवाला भी दिया था। इसके बावजूद चालक ने उन्हें अनसुना कर दिया।

आशीष ने बताया कि हरदोई और शाहजहांपुर के रहने वाले लगभग 80 से 90 परिवार पंजाब में अलग-अलग जगह जगहों पर स्थित ईट भट्ठों पर मजदूरी करते हैं। लगभग आठ महीने पहले शाहजहांपुर निवासी ठेकेदार मैंस ने सभी को पंजाब के मोड़ा भट्टी स्थित ईट भट्ठों पर मजदूरी के लिए भेजा था। बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे सभी लोग तीन गाड़ी किराये पर करके अपने-अपने गांव जा रहे थे। गाड़ियों को ठेकेदार मैंस ने ही किराये पर कराया था।

इन लोगों का मेरठ में चल रहा इलाज : रोहिनी (13), पंचम (17), तारा (20), सुमित (13), सोनू (29), सतीश (50), रामचंद्र (60), छोटी (30), मोहिनी (14), रामवीर (24), निशांत (10) सभी निवासी गांव सुरजीपुर थाना बेठा गोकुलधाम जनपद हरदोई, विजय (10) निवासी मियांपुर थाना थाना सिंधौली जनपद शाहजहांपुर, बिजेंद्र (25), आयुष (5), तनु (6) निवासी गांव माईपुर थाना सिंधौली जनपद शाहजहांपुर, रमाकांत (32) निवासी पपड़ीपुरा जनपद शाहजहांपुर, उर्मिला (20) और अजीत (15) निवासी शाहजहांपुर, नैंसी और नीतू निवासी हरदोई, उमेश (60) निवासी खजानपुर, मंजूदेवी (45) निवासी गांव गुदुराओ, ललित (15) और आयुषी (2) का इलाज मेरठ के मेडिकल कालेज में चल रहा है।

बुलंदशहर में डीसीएम और ट्रक के टकराने से हुए हादसे में सिंधौली के मियांपुर के मां-बेटे समेत तीन लोगों की मौत की सूचना आने के बाद गांव में मातम छाया हुआ है। मरने वालों के परिवार के कई लोग घायल हुए हैं। मियांपुर गांव निवासी रवि (18 वर्ष), अपनी मां माधुरी उर्फ नत्थी (40 वर्ष) समेत परिवार के आठ लोगों के साथ रक्षाबंधन के बाद ईंट-भट्ठे पर काम करने गए थे। उनके साथ में पड़ोसी शिवदेवी (60 वर्ष) का परिवार भी था। हादसे में रवि और उसकी मां माधुरी की मौत हो गई। पिता उमेश, 13 वर्षीय भाई अजीत, 12 वर्षीय मंजीत, आठ वर्षीय भूरे, कृष्णपाल, बहन विट्टा देवी घायल हो गए हैं। हादसे की सूचना यहां आने पर परिवार में परिजन बिलख पड़े। रवि के बाबा जयराम ने बताया कि रवि के पिता उमेश अपने समधी महेश के साथ काम करने गए थे। हादसे के बाद जयराम और कांति के आंसू नहीं थम रहे हैं।

रेडियम रहित ब्रेकर भी बन रहे हादसे की वजह

जहांगीराबाद-बुलंदशहर मार्ग पर कई बड़े-बड़े ब्रेकर बने हुए हैं। इन बड़े-बड़े अव्यवस्थित ब्रेकरों पर सही तरीके से रेडियम की पट्टी न खींचे जाने के कारण वाहन चालक धोखा खा जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।

हादसा सुबह लगभग चार बजे के आसपास हुआ था। हादसे के बाद ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सरकारी और अन्य अस्पतालों की एंबुलेंस बुला ली थी। जिला अस्पताल को भी फोन पर सूचित कर दिया था। सुबह पांच बजे से एंबुलेंस घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचना शुरू हो गई थीं। करीब दो से ढाई घंटे के भीतर सभी घायलों व मृतकों को जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया। सुबह टहलने निकले लोगों ने एंबुलेंस की आवाज सुनी तो वे भी जिला अस्पताल पहुंच गए थे।

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