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अधिकारियों पर मधुमक्खियों का हमला, सीडीओ बेहोश

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9 अधिकारी और कर्मचारी जख्मी, डॉक्टरों ने 350 से ज्यादा डंक निकाले

ललितपुर। देवगढ़ में रविवार को निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को मधुमक्खियों ने हजारों डंक मारे। इससे सीडीओ कमलाकांत पांडेय बेहोश हो गए। वहीं, विशेष सचिव सुनील कुमार वर्मा, एडीएम नमामि गंगे राजेश कुमार श्रीवास्तव सहित 9 अधिकारी और कर्मचारी जख्मी हो गए।

वन विभाग की टीम और ग्रामीणों की मदद से सभी को मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां हालत गंभीर होने पर एडीएम को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। वन विभाग के अनुसार इत्र की खुशबू से मधुमक्खियां भड़क गईं और उन्होंने हमला कर दिया। शासन की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी विशेष सचिव (रेशम विकास) सुनील वर्मा योजनाओं के निरीक्षण के लिए शनिवार को आए थे।

रविवार सुबह 10 बजे वह अन्य अधिकारियों के साथ देवगढ़ क्षेत्र पहुंचे। यहां सभी बौद्ध गुफाओं को देखने के लिए पहाड़ी से नीचे उतर रहे थे। तभी वहां लगे छत्तों में रहने वाली मधुमक्खियां भड़क गईं। उन्होंने अधिकारियों पर हमला शुरू कर दिया। इस दौरान सभी अधिकारी तो बाहर निकल आए, लेकिन सीडीओ मधुमक्खियों के हमले से बेहोश हो गए। उन्हें किसी तरह चारपाई पर लिटाकर बाहर निकाला गया।

 एडीएम राजेश श्रीवास्तव के चेहरे, पेट, हाथ, सिर और कान में मधुमक्खियों ने डंक मारे हैं। झांसी मेडिकल काॅलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में भर्ती एडीएम के शरीर से करीब साढ़े तीन सौ डंक निकाले गए हैं। सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने बताया कि इलाज के एडीएम के शरीर की सूजन में कमी आई है। ललितपुर में भर्ती सीडीओ कमलाकांत पांडेय के भी चेहरे, पेट, हाथ और सिर में कई डंक लगे थे।

हमले में एडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ कमलाकांत पांडे और सीडीओ का गनर चंद्रपाल गंभीर रूप से घायल हो गए। नोडल अधिकारी सुनील कुमार को भी मधुमक्खियों ने तीन-चार जगह पर काटा है। इसके अलावा नायाब तहसीलदार घनेंद्र तिवारी, उपनिरीक्षक दिनेश कुमार, लेखपाल सूर्यांश, शशांक, ऊदल आदि घायल हुए हैं।

देवगढ़ में मधुमक्खियों के हमले में अधिकारियों के जख्मी होने की सूचना जैसे ही जिला प्रशासन को लगी, जनपद मुख्यालय से बचाव के लिए टीमें रवाना हो गईं। लेकिन, सुगम रास्ता न होने के कारण वहां तक पैदल जाने में करीब एक घंटे का समय लगा। चारपाई की मदद से सीडीओ को पहाड़ी के रास्ते पहले ट्रैक्टर-ट्राली तक लाया गया। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। सुबह 10 बजे यह घटना हुई थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज तक लाने में दोपहर के एक बज गए।

देवगढ़ में बौद्ध गुफाओं तक जाने के लिए जंगल में काफी दूरी पर वाहन खड़े करने होते हैं। इसके बाद पहाड़ से नीचे उतरकर जाना होता है। यह पर्यटन स्थल घने जंगल में मौजूद है। इस दुर्गम वनक्षेत्र में मौजूद पर्यटन स्थलों तक पहुंच मार्ग के लिए जिला प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार की थी, लेकिन वन विभाग ने मार्ग बनने में व्यवधान उत्पन्न किया, जिससे रास्ता नहीं बन पाया। इसी कारण राहत टीम जल्द वहां नहीं पहुंच पाई।

सीडीओ और अन्य सभी की स्थिति सामान्य है। एडीएम को बेहतर इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। वह भी ठीक हैं। नोडल अधिकारी की स्थिति भी सामान्य है।

-अक्षय त्रिपाठी, डीएम

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