Latest News

The News Complete in Website

आजमगढ़ : 31वें पुनर्जन्म दिवस पर 30 जून को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने तिरंगा और काला झंडा लेकर धरना देंगे लाल बिहारी मृतक

1 min read

आजमगढ़। मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी मृतक, जिनका जन्म 6 मई 1955 को ग्राम खलीलाबाद, तहसील निजामाबाद, जनपद आजमगढ़ में हुआ जो एक गरीब, शोषित, दलित अनुसूचित जाति परिवार से हैं। 71 वर्षीय लाल बिहारी, जो बुनकर, किसान और मजदूर हैं, जिनको 30 जुलाई 1976 को नायब तहसीलदार, तहसील सदर, आजमगढ़ के मुकदमा नं. 298 के तहत जीवित होते हुए भी मृत घोषित कर दिया गया था। सैकड़ों प्रार्थना पत्रों के बाद, 30 जून 1994 को जिला प्रशासन के आदेश पर उनके नाम को ग्राम खलीलाबाद के अभिलेखों में पुनः दर्ज कर “जिंदा” किया गया।

लाल बिहारी की लड़ाई यहीं खत्म नहीं हुई। हाईकोर्ट खंडपीठ लखनऊ में 25 करोड़ रुपये मुआवजे के मुकदमे के दौरान, 7 सितंबर 2016 को तहसील निजामाबाद के उपजिलाधिकारी ने कथित रूप से धोखाधड़ी कर उनकी जमीन को बाबूराम और पतिराम के नाम से हटाकर फर्जी तरीके से लाल बिहारी के नाम दर्ज कर खूनी संघर्ष की साजिश रची। इसके साथ ही लाल बिहारी मृतक ने 1976 और 1994 की सरकारी फाइलें गायब कर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में थाना कोतवाली आजमगढ़ में मुकदमा नं. 34 (धारा 419, 420) और अन्य मुकदमे (नं. 66, 67, धारा 409) दर्ज हैं।

उन्होंने बताया कि इस अन्याय ने उनकी अमिलो मुबारकपुर की करोड़ों की जमीन को मूली के भाव बिकवा दिया, जिससे वे आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से बर्बाद हो गए।लाल बिहारी ने अपने 31वें पुनर्जन्म दिवस पर 30 जून को जिलाधिकारी कार्यालय, आजमगढ़ के सामने तिरंगा और काला झंडा लेकर धरना देने जा निर्णय लिया है। वे 49 वर्षों के संघर्ष में 27 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और गायब सरकारी फाइलों की मांग कर रहे हैं।

उनका कहना है कि आज अन्याय मेरे साथ, कल आपके साथ। अन्यायी किसी जाति, धर्म या राष्ट्र के नहीं होते।” इस धरने की जिम्मेदारी और उनकी सुरक्षा का दायित्व शासन-प्रशासन पर होगा।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *