पत्नी और मां की गला काटकर हत्या करने के दोषी को उम्रकैद, चार साल बाद मिली सजा; आठ गवाहों ने दिए बयान
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वाराणसी। साढ़े चार साल पहले पत्नी और मां की गला काटकर हत्या के मामले में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषी शादाब अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक खड़िया बाजार निवासी अब्दुल मन्नान ने 8 सितंबर 2020 को शक्तिनगर थाने में तहरीर दी थी। बताया था कि उसका छोटा भाई शादाब अंसारी अपनी पत्नी रुकसाना व मां सफीकुन निशा के साथ पास ही अलग मकान में रहता है। आठ सितंबर को दोपहर डेढ़ बजे जब वह अपनी दुकान पर काम कर रहा था, तभी उसकी बहन सायरा बानो आई और बताई कि शादाब हाथ में तलवार लेकर घूम रहा है।
बहन की सूचना पर अब्दुल घर पहुंचा तो देखा कि शादाब ने मकान के मुख्य दरवाजे पर ताला बंद कर दिया था। बहन सायरा बानो किसी तरह दीवार फांदकर शादाब के घर में घुसी देखा कि खून से लथपथ मां और भाभी के शव जमीन पर पड़े थे।
दीवार फांदकर भाग गया था आरोपी
आवाज देने पर भी शादाब ने दरवाजा नहीं खोला। दीवार फांदकर शादाब भाग गया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर विवेचना की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में शादाब अंसारी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, आठ गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन के बाद शादाब अंसारी को दोषी पाया। पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषी शादाब अंसारी को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
साथ ही अर्थदंड नहीं देने पर चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित होगी। आजीवन कारावास की अवधि दोषसिद्ध अभियुक्त के शेष संपूर्ण जीवन तक रहेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।
