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संविधान में धर्म निरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात, कहा ये पाप जैसा

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करके धर्म निरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात था। कांग्रेस को आपातकाल के लिए दलितों, वंचितों एवं देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपनी लेखनी के माध्यम से जिन दलितों एवं वंचितों को अधिकार दिलाया, कांग्रेस ने उनकी आवाज को दबाने का कार्य किया।

योगी बुधवार को लोकभवन में आपातकाल की 50वीं बरसी पर आयोजित संविधान हत्या दिवस के अवसर पर ‘भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कैशलेस उपचार की सुविधा देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सपा और आरजेडी ने संविधान हत्या दिवस पर कोई बयान नहीं दिया, जबकि दोनों कांग्रेस के इस कृत्य के खिलाफ थे। दोनों अपने स्वार्थ के लिए अब कांग्रेस के सामने नाक रगड़ रहे हैं।

लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देते हैं, लेकिन संविधान का गला घोंटने और डॉ. आंबेडकर का अपमान करने वालों को गले का हार बनाते हैं। कांग्रेस ने 25 जून 1975 को विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के अधिकारों को बंधक बना लिया था। सेंसरशिप से मीडिया का गला घोंटा था। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के इस पाप को भुलाया नहीं जा सकता है। संगोष्ठी के शुभारंभ से पूर्व सीएम ने ‘आपातकाल की त्रासदी’ विषयक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के कवर पेज एवं चित्रों के माध्यम से लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष और तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा उन पर किए अत्याचारों को प्रदर्शित किया गया था। इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

इस दौरान कई लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल की यातनाओं को साझा किया। किसी ने अपने भूमिगत होने के किस्से सुनाए तो किसी ने थाने एवं जेल के अपने अनुभवों को बताया। वित्त एवं ससंदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाए रखने के लिए पूरे देश को जेल बना दिया था।

विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने बरेली जेल के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अपनी निरंकुश सत्ता का वर्चस्व बरकरार रखने के लिए आपातकाल जैसा दमनकारी निर्णय लिया। इस दौरान सीएम ने 26 लोकतंत्र सेनानियों कृष्ण कुमार दीक्षित, गणेश राय, राकेश स्वरूप निगम, अजीत कुमार सिंह, सुरेश शिवजी रानी, डॉक्टर अजय शर्मा, जयदेव आहूजा, हरि श्याम रस्तोगी, राम किशोर शर्मा, अशोक शर्मा, डॉक्टर संतोष कुमार वाजपेयी, डॉ. बलवेंद्र अवस्थी, मधुकर मिश्रा, रामतीर्थ वर्मा, सुरेश चतुर्वेदी, सत्यप्रकाश जैन, रामचंद्र सिंह, आशुतोष पाठक, डॉक्टर राम लोलाक उपाध्याय, सरल मालवीय, सतीश चंद्र गौड़, दिनेश प्रताप सिंह, दिनेश अग्निहोत्री, संजय मिश्रा, भारत त्रिपाठी, धीरेंद्र श्रीवास्तव का पटका पहनाकर सम्मानित किया।

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