अलीबाबा से मंगवाते थे नोट के लिए कागज: UP में नकली रुपये छापने वाले गिरोह का खुलासा, एक रेलवे कर्मी है शामिल
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हापुड़। रेलवे कर्मचारी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर भारी मात्रा में जाली भारतीय मुद्रा छाप डाली। नकली नोट उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अलग अलग पार्टियों को सप्लाई भी किए गए। एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने रंगे हाथ तीनों को पकड़ा है, पिलखुवा के जिंदल नगर में किराए के मकान में छपाई का धंधा चल रहा था। एटीएम ने आवश्यक सामग्री समेत करीब 3.90 लाख की जाली करेंसी भी जब्त की है।
दरअसल, पिलखुवा के लाखन रेलवे स्टेशन पर मूलरूप से बुलंदशहर के जीवन गीत गजौरी निवासी गजेंद्र यादव पुत्र भगवान यादव प्वाइंट्स मैन के पद पर कार्यरत है। पिलखुवा के दिनेश नगर में उसने किराए का मकान भी लिया हुआ था।
एटीएस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गजेंद्र यादव अपने दो साथी सिद्धार्थ झा पुत्र सुनील झा निवासी जी-214 ग्राम गाजीपुर नई दिल्ली, विजय वीर चौधरी पुत्र मुनेश कुमार निवासी ग्राम रसूलपुर थाना सलेमपुर बुलंदशहर के साथ मिलकर जाली नोट छापने का काम करता था।
पिलखुवा फरीदनगर, भोजपुर रोड के पास उन्हें गिरफ्तार किया गया। उनकी कार में 3.90 लाख रुपये की जाली करेंसी मिली है, जिन्हें वह एक पार्टी को देने जा रहे थे। तीनों को एटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।
अलीबाबा डॉट कॉम से ऑनलाइन खरीदते थे कागज
जाली नोट छापने के लिए एक विशेष पेपर शीट (वाटरमार्क एवं थ्रेड युक्त) की आवश्यकता होती है। पेपर मुहैया कराने का काम विजयवीर को दिया गया, जो अलीबाबा डॉट कॉम से ऑनलाइन पेपर खरीदकर, इसका इंतजाम करता था। इसी तरह सभी के अलग अलग काम बंटे थे।
लैपटॉप से डिजाइन और छपाई करता था सिद्धार्थ
वाटरमार्क थ्रेड आदि विशेषता युक्त कागज मुहैया होने पर सिद्धार्थ झा लैपटॉप, प्रिंटर, व अन्य छपाई में प्रयोग होने वाले उपकरणों की सहायता से जाली भारतीय मुद्रा की छपाई करता था।
सोशल मीडिया पर तलाशते थे पार्टी
जाली करेंसी को खपाने की जिम्मेदारी रेलवे कर्मचारी गजेंद्र यादव के पास थी, जो छपी जाली मुद्रा को प्रदेश के अलग अलग जिलों में सप्लाई करते थे। इसके लिए गैंग सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टियों की तलाश करते थे।
चार दिन का अवकाश लेकर गया था गजेंद्र
रेलवे कर्मचारी गजेंद्र यादव बेहद शालीन और मिलनसार था। विभाग से चार दिन का अवकाश लेकर वह घर गया था, लेकिन पांचवें दिन भी वह ड्यूटी ज्वाइंन करने नहीं आया। इस पर उसके पिता भी पिलखुवा स्टेशन पर जानकारी करने पहुंचे थे। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि गजेंद्र इस तरह का कृत्य कर सकते हैं। बताया गया है कि एक आरोपी की पत्नी यूपी पुलिस में सिपाही भी है।
एटीएस ने बरामद किया है यह सामग्री
लखनऊ एटीएस ने आरोपियों से 3.90 लाख रुपये की जाली मुद्रा, अर्ध निर्मित पांच सौ रुपये के पांच नोट, छह अदद टेप रोल, दो सिक्युरिटी थ्रेड पेपर, दो लैपटाप मय सहवर्ती उपकरण, तीन प्रिंटर मय सहवर्ती उपकरण, एक लेमीनेशन मशीन, एक कटर ब्लेड, एक मेटल पेपर कटर, चार इंक बोतल, एक स्याही सोना कोट, तीन डाई, दो स्पे्र, 103 सिक्युरिटी शीट (नोट छापने के लिए), पांच मोबाइल फोन, दो पेन ड्राइव, एक कार।
एटीएस ने की है कार्रवाई
एटीएस ने इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई की है, इस मामले की पूरी जानकारी एटीएस के उच्चाधिकारियों को है, उन्हें इस मामले की ज्यादा जानकारी नहीं है। -अनीता चौहान, सीओ पिलखुवा।
