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रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ की ठगी, सीबीआई अफसर बनकर जाल में फंसाया

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बरेली। बरेली में भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) परिसर में रह रहे हाल ही में रिटायर हुए एक वैज्ञानिक से साइबर ठगों ने एक करोड़ 29 लाख रुपये की ठगी कर ली। वैज्ञानिक इस कदर सदमे में रहे कि उन्होंने परिवार से लेकर किसी परिचित तक से इसका जिक्र तक नहीं किया। बैंक प्रबंधक के टोकने पर भी वह सच्चाई नहीं बता सके। सप्ताह भर बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस अब खातों को बंद कराने में जुटी है।

पश्चिमी बंगाल के मूल निवासी वैज्ञानिक कई साल से आईवीआरआई में तैनात थे। संस्थान परिसर में सरकारी आवास में वह परिवार समेत रहते हैं। जनवरी में वह रिटायर हुए हैं। उन्होंने साइबर थाना जाकर इंस्पेक्टर दिनेश कुमार शर्मा को बताया कि 17 जून को उनके मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप कॉल आई। कॉलर ने खुद को बंगलूरू सिटी पुलिस का अधिकारी बताया।

व्हाट्सएप डीपी पर लगा था पुलिस को लोगो

उसने कहा कि उनके आधार कार्ड से सिम निकालकर नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी व मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध किए गए हैं। उनके यहां सदाकत खां नाम का शख्स पकड़ा गया है, जिसने उनका नाम लिया है। इससे वैज्ञानिक घबरा गए। चूंकि जिस नंबर से कॉल आई उसकी व्हाट्सएप डीपी में पुलिस का लोगों लगा था तो वह उसे सच में पुलिस की कॉल मान बैठे।

कॉल करने वाले ने उनको सीबीआई अधिकारी दया नायक के नाम पर एक मोबाइल नंबर देकर बात करने को कहा। वैज्ञानिक ने उस नंबर पर बात की तो खुद को दया नायक बता रहे कथित अधिकारी ने भी उन्हें डराया कि उनके बैंक खातों में अवैध धन आया है। कितना धन सही और कितना गलत है, इसे चेक करने के लिए उन्हें अपने खाते का सारा धन एक खाते में ट्रांसफर करना होगा, जांच के बाद धन उनके खाते में लौटा दिया जाएगा।

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