सीएम योगी का एलान: यूपी में काम वाले युवाओं को मिलेगी न्यूनतम वेतन की गारंटी, कंपनियां नहीं कर पाएंगी शोषण
1 min read
लखनऊ। लखनऊ में तीन दिवसीय ‘रोजगार महाकुंभ 2025’ का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में काम करने वाले प्रत्येक युवा को न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाएगी। कोई भी कंपनी या नियोक्ता कर्मचारी का शोषण नहीं कर पाएगा। नियुक्ति देने वाली कंपनियां अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करेंगी, जबकि इसके अतिरिक्त शुल्क की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह व्यवस्था युवाओं को सम्मानजनक रोजगार, नौकरी की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करेगी।
इसी के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा, जहां काम करने वाले हर युवा को न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने युवाओं को अपार ऊर्जा का स्रोत बताते हुए कहा कि आज यूपी की प्रतिभा की मांग देश-दुनिया में हो रही है। कभी पूरा-का-पूरा गांव रोजगार के लिए प्रदेश छोड़कर पलायन करता था, लेकिन आज वही उत्तर प्रदेश रोजगार दे रहा है। मुख्यमंत्री ने विदेश में नौकरी पाने वाले 15 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। इसके अलावा श्रम विभाग के श्रम न्याय सेतु पोर्टल, औद्योगिक न्यायाधिकरण की वेबसाइट और ई-कोर्ट पोर्टल का शुभारंभ भी किया। इस मौके पर श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री मन्नू लाल कोरी और प्रमुख सचिव श्रम एमकेएस सुंदरम समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद ने परंपरागत उद्यमों को नई पहचान दी गई है। कोरोना काल में 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार लौटे, तब इन्हीं एमएसएमई इकाइयों ने 90 प्रतिशत को रोजगार दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पंजीकरण करवाने वाले उद्यमियों को पांच लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर उपलब्ध कराया है।
सीएम योगी ने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान और पीएम विश्वकर्मा योजनाएं के तहत बढ़ई, राजमिस्त्री, लोहार, सोनार, कुम्हार, मोची, नाई जैसे परंपरागत कामगारों को मुफ्त टूलकिट, सस्ता ऋण और ट्रेनिंग दी जा रही है। सीएम युवा उद्यमी स्कीम के तहत 70,000 से अधिक युवा जुड़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टार्टअप मिशन और स्किल डेवलपमेंट मिशन के जरिए युवाओं को नई तकनीको जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में नई लैब और कोर्स शुरू किए गए हैं। विदेश भेजने से पहले विदेशी भाषाओं की जानकारी दी जा रही है।
श्रमिकों की सुरक्षा पर दिया विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के हितों की रक्षा और उद्योगों की सुचारुता दोनों को ध्यान में रखते हुए श्रम कानूनों में सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से श्रमिक का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। श्रमिक का पूरा वेतन मिलना अनिवार्य होगा।
