सूटकेश में प्रेमिका की लाश…प्रेमी ने ली सेल्फी, फिर स्टेटस पर भी लगाया; दो माह तक ढूंढने का नाटक भी किया
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कानपुर। कानपुर में रेस्टोरेंट कर्मी आकांक्षा का हत्यारोपी सूरज लगभग दो माह तक लोगों को गुमराह करता रहा। उसने परिजनों के साथ मिलकर आकांक्षा को ढूंढने का नाटक भी किया। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो कहा कि 21 जुलाई को रेस्टोरेंट में विवाद के बाद उसकी मुलाकात नहीं हुई। हालांकि पुलिस ने सीडीआर और मोबाइल लोकेशन के आधार पर उस रात दोनों के साथ होने की पुष्टि कर सख्ती से पूछताछ की तो सब कबूल कर लिया।
हनुमंत विहार थानाध्यक्ष राजीव सिंह के अनुसार, सूरज ने बताया कि बाइक से चिल्ला घाट जाने और वहां से लौटने के बाद वह सीधे सेंट्रल स्टेशन गया जहां उसने बिहार की ओर जा रही एक ट्रेन के डिब्बे में आकांक्षा का मोबाइल स्विच ऑफ कर छिपा दिया ताकि किसी को उस पर शक न हो।
आरोपी सूरज को अंदेशा था कि पुलिस जब उसके मोबाइल की लोकेशन निकालेगी तो ट्रेन के सफर में होने के कारण लोकेशन भी बदलती रहेगी। उसने कहा कि उसके दूसरी युवती के साथ संबंधों की जानकारी होने से वह बेहद खफा थी। शादी का दबाव दे रही थी। टालने पर उन दोनों के साथ की तस्वीरों को वायरल करने व झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी।
प्रेमी सूरज ने बताया कि कमरे में दोनों का जोरदार झगड़ा हुआ। इस दौरान उसकी छाती पर ताबड़तोड़ घूंसे मारे फिर गला दबा दिया। शव को सूटकेस में भरकर बांदा के चिल्ला घाट ले गए। वहां यमुना में शव फेंकने के पहले सूटकेस के साथ सेल्फी लेकर स्टेटस भी लगाया था। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से वह फोटो बरामद कर ली है। शव की तलाश कराई जा रही है। हालांकि बड़े सूटकेस के साथ स्टेटस देखकर भी किसी ने शक नहीं जताया।
सुजनीपुर निवासी आकांक्षा उर्फ माही (20) की मौत पर उसकी मां विजयश्री, भाई सूरज, आदर्श, बहन प्रतीक्षा रो-रोकर बेहाल हैं। विजयश्री ने बताया कि 20 जून 2024 को बेटी आकांक्षा पड़ोसी की बेटियों के साथ कानपुर नगर के एक रेस्टोरेंट में काम करने के लिए गई थी। रेस्टोरेंट में साथ काम करने वाला सूरज उत्तम बेटी को परेशान करता था। इससे तंग आकर बेटी हनुमंत विहार क्षेत्र के दूसरे होटल में नौकरी करने लगी। 21 जुलाई को उनकी बेटी से फोन पर आखिरी बार बात हुई थी। इसके बाद कई दिन से फोन न आने पर तलाश शुरू की। आठ अगस्त को नौबस्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
