पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की 33 माह बाद महाराजगंज जेल से हुई रिहाई
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कानपुर। गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में जमानत मिल जाने पर आखिर 33 माह बाद पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी महाराजगंज जेल से रिहा हो गए। इरफान की मुश्किलें कम तो हुई हैं लेकिन खत्म नहीं हुई हैं। आगजनी के मुकदमे में सजा सुनाए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील अभी लंबित है वहीं सेशन कोर्ट में गैंगस्टर और लोअर कोर्ट में फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा, रंगदारी वसूलने समेत कई मुकदमों की सुनवाई अभी चल रही है। जाजमऊ डिफेंस कालोनी निवासी नजीर फातिमा के घर पर 7 नवंबर 2022 को हुई आगजनी मामले में लगे आरोप के बाद इरफान ने अपने भाई रिजवान के साथ 2 दिसंबर 2022 को पुलिस कमिश्नर के बंगले पर समर्पण किया था जिसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था। तब से दोनों जेल में ही बंद थे। 19 दिसंबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा इरफान से जेल में मिलने के बाद सुरक्षा कारणों से इरफान को 21 दिसंबर को महाराजगंज जेल भेज दिया गया था जबकि बाकी आरोपी कानपुर जेल में ही बंद थे। इसी कारण सोमवार को रिहाई परवाना कानपुर जेल पहुंचने पर रिजवान की रिहाई तो हो गई थी लेकिन इरफान की रिहाई अटक गई थी। मंगलवार को जेल रिपोर्ट के आधार पर दोबारा इरफान का रिहाई परवाना बना और महाराजगंज जेल भेजा गया जिसके बाद देर शाम इरफान की रिहाई हो सकी। वहां से इरफान अपने परिवार के साथ देर रात कानपुर पहुंचे। नजीर फातिमा के प्लाट पर आग लगाने के मुकदमे में एमपीएमएलए सेशन कोर्ट ने 7 जून 2024 को इरफान, रिजवान, शौकत अली, मो.शरीफ और इसराइल आटेवाला को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी। अपील स्वीकार होने पर 14 नवंबर 2024 को इरफान को जमानत मिल गई थी। अन्य मुकदमों में भी इरफान को जमानत मिल चुकी थी सिर्फ गैंगस्टर के मुकदमे में जमानत न मिल पाने के कारण रिहाई अटकी थी।
सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को सात साल कैद की सजा सुनाई गई थी जिसके कारण उनको अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी। इसके चलते सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। चुनाव में सपा की ओर से इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा गया। सपा का दाव काम आया और भावनाओं को वोट के रूप में भुनाकर नसीम चुनाव जीतने में कामयाब हो गईं। इससे सपा की परंपरागत सीट पर इरफान के परिवार का कब्जा बरकरार रहा।
इरफान के खिलाफ विभिन्न थानों में 18 मुकदमे दर्ज हैं। कुछ मुकदमों में इरफान बरी भी हो चुके हैं। वर्ष 2022 में दस मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से आठ मुकदमे जाजमऊ आगजनी की घटना के बाद एक माह के अंदर दर्ज हुए थे। आगजनी के मुकदमे में सजा सुनाई जा चुकी है। इसके अलावा गैंगस्टर एक्ट, फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करना, बांग्लादेशी नागरिक का फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाना जैसे मुकदमे महत्वपूर्ण हैं। मो.नसीम आरिफ, अकील अहमद और विमल कुमार द्वारा रंगदारी मांगने से संबंधित मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं। सभी मुकदमों में सुनवाई चल रही है। गैंगस्टर केे मुकदमे में एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में सुनवाई अब 14 अक्टूबर को होगी। अभियोजन को मंगलवार को पहला गवाह पेश करना था लेकिन गवाह के न आने के कारण सुनवाई टल गई। इरफान, रिजवान, मो.शरीफ, शौकत अली, इसराइल आटेवाला, अज्जन उर्फ एजाज और मुर्सलीन खां उर्फ भोलू के खिलाफ जाजमऊ थाने में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। कोर्ट में इस मुकदमे में आरोप तय कर दिए गए थे। इरफान समेत सभी सात लोगों पर लोगों को धमकाकर वसूली करने, अवैध संपत्ति अर्जित करने आदि के आरोप हैं। इस मुकदमे में मंगलवार को गवाही शुरू होनी थी लेकिन गवाह के न आने पर अब 14 अक्टूबर को होगी।
