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यूपी: 11 जिलों के 36 गांव बाढ़ से प्रभावित, सरयू फिर से उफान पर, इन जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी

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लखनऊ। यूपी में मानसून अपनी पूरी ताकत के साथ सक्रिय है। भारी बारिश से अवध के कुछ जिलों के साथ प्रदेश के 11 जिलों में बाढ़ का कहर है। बारिश और आकाशीय बिजली से प्रदेश में कई लोगों की मौते हुई हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में भारी बारिश से पिछले चौबीस घंटे में सात और लोगों की जान चली गई। इनमें एक की मौत आकाशीय बिजली और छह की मौत अतिवृष्टि की वजह से हुई। कन्नौज, श्रावस्ती, मथुरा, इटावा, बुलंदशहर, अमरोहा और गाजियाबाद में बारिश का कहर टूटा। श्रावस्ती में दो और अन्य सभी जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस अवधि में सबसे ज्यादा वर्षा अमरोहा, बंदायू, बिजनौर, बहराइच में हुई जबकि सबसे कम वर्षा वाले जिले बलिया, महाराजगंज, देवरिया, बांदा, झांसी, अयोध्या, फतेहपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, गाजीपुर, अमेठी, कुशीनगर, चंदौली, महोबा, सोनभद्र, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रयागराज आदि रहे। भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, मउ और मिर्जापुर सूखे रहे।

बलरामपुर में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेमी नीचे बह रही है। तटबंधों की सुरक्षा और निगरानी के लिए 32 बाढ़ चौकियां, 32 मेडिकल टीमें और 19 बाढ़ शरणालय की स्थापना की गई है। चौबीस घंटे कंट्रोल रूम चल रहे हैं। गोरखपुर, महाराजपुर और सिद्धार्थनगर में भी बाढ़ की स्थिति नहीं है। श्रावस्ती में राप्ती खतरे के निशान से 6 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। 19 बाढ़ चौकियां सतत निगरानी कर रही हैं।

बारिश के आधार पर जिलों का वर्गीकरण-

-अधिक वर्षा वाले जिलों की संख्या – 15 (120 प्रतिशत से अधिक बारिश)

-सामान्य वर्षा वाले जिले – 32 (80 से 120 प्रतिशत)

-कम वर्षा वाले जिले – 14 (60 से 80 प्रतिशत)

-अत्यधिक कम वर्षा वाले – 11 (40 से 60 प्रतिशत)

-40 प्रतिशत से कम वर्षा वाले – 03

11 जिलों के 36 गांव बाढ़ से प्रभावित

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश और बिजली गिरने से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने आपदाओं में घायल व्यक्तियों के उपचार और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की राहत राशि तत्काल देने के निर्देश दिए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 11 जनपदों के 36 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। अब तक बाढ़ की चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हुई है।भारी बारिश से कन्नौज, मथुरा, इटावा, बुलन्दशहर, अमरोहा और गाजियाबाद में एक-एक जबकि आकाशीय बिजली से श्रावस्ती में एक व्यक्ति की मौत हो गई। गंगा नदी बदायूं के कचलाब्रिज में, केन नदी बांदा में और चम्बल नदी धौलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

सीएम योगी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए फर्रुखाबाद में पीएसी की एक टीम, गोंडा में एसडीआरएफ की एक और पीएसी की एक टीम, लखीमपुर खीरी में एनडीआरएफ की दो टीमें, एसडीआरएफ की एक और पीएसी की एक टीम, बाराबंकी में पीएसी की एक टीम, जालौन में एसडीआरएफ की एक टीम, सीतापुर में पीएसी की एक टीम, बांदा में पीएसी की एक टीम, पीलीभीत में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टीमें तैनात की गई हैं।

बहराइच के मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी में बुधवार से हो रही मूसलाधार बारिश व नेपाल के पहाड़ों से पानी आने के कारण लगातार उफान पर है। इससे बाढ़ जैसे हालत बनने लगे हैं। शुक्रवार को नदी का पानी बड़खड़िया, चहलवा, जंगल गुलरिहा मझरा, गिरगिट्टी सोमईगौढ़ी आदि दो दर्जन गांवों में घुस चुका है। इसके चलते ग्रामीणों ने नाव व अन्य संसाधनों की मदद से सुरक्षित ठिकानों के लिए पलायन भी शुरू कर दिया है। इसी तरह महसी तहसील क्षेत्र के टिकुरी गांव में कटान व पानी बढ़ने के चलते ग्रामीण खुद अपने घर तोड़ने को मजबूर हैं।

जंगल गुलरिहा निवासी शिव कुमार निषाद ने बताया कि गेरुआ और कौड़ियाला नदी में नेपाली पहाड़ी पानी आने के कारण इस क्षेत्र में तीसरी बार बाढ़ का पानी गांवों में भर गया है। उपजिलाधिकारी संजय कुमार व तहसीलदार अंबिका चौधरी ने तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों और बैराजों का भ्रमण कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि तहसील क्षेत्र के सुजौली थाना क्षेत्र में निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। बताया गिरिजा बैराज पर नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने के साथ-साथ आसपास ऊंचे स्थान पर चले जाने के निर्देश दिए गए हैं।

पहाड़ी इलाकों में हो रही झमाझम बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने से तराई इलाकों के लोगों की धुकधुकी बढ़ने लगी है। शुक्रवार की शाम चार बजे शारदा बैराज से 138707 क्यूसेक, गिरजापुरी बैराज से 269492 क्यूसेक व सरयू बैराज से 27926 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीपी पाल ने बताया कि तीनों बैराजों से कुल 436125 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। एल्गिन ब्रिज पर सरयू नदी खतरे के निशान से 34 सेमी ऊपर पहुंच गई है और लगातार जलस्तर बढ़ रहा है।

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