Latest News

The News Complete in Website

ट्रेन से कटकर अलग पड़े थे पैर… छात्रा को दर्द के बीच भी याद रहे पापा; मार्मिक तस्वीर देख कांप गया कलेजा

1 min read

अलीगढ़। अगर तस्वीर देख लेंगे तो कलेजा मुंह को आ जाएगा। ट्रेन से गिरकर 21 साल की फूलमाला के दोनों पैर कट गए। लाइनों के किनारे ही पैर अलग-अलग पड़े थे, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। वह रेलवे लाइन के किनारे बैठकर मदद का इंतजार करती रही। बेटी के गिरते ही पिता ने भी चलती ट्रेन से छलांग लगा दी थी लिहाजा कुछ देर बाद वह भी पहुंच गए।

पिता भी लहूलुहान थे। फूलमाला अपना दर्द भूलकर बार-बार पिता का हाल पूछ रही थी। इतना ही नहीं जब दोनों को जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया तो वहां भी अपने दोनों पैर खो चुकी लहूलुहान हुई बेटी डॉक्टरों से बार-बार कह रही थी कि पहले उसके पिता का इलाज कर दीजिए। उनको बहुत चोट लगी है।

फूलमाला हाथरस जंक्शन थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर की रहने वाली है। उसके पिता रमेश चंद्र पेशे से किसान हैं। फूलमाला ने पिछले साल ही स्नातक किया है। उसने दो महीने पहले रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में सिपाही के लिए निकली भर्ती में आवेदन किया था।

लिखित परीक्षा उसने पास कर ली थी। 15 अक्तूबर को दादरी में शारीरिक दक्षता परीक्षा थी लिहाजा वह अपने पिता रमेश चंद्र के साथ गई थी। परीक्षा देने के बाद दादरी से पिता-पुत्री स्पेशल ट्रेन में सवार हो गए।

पिता रमेश चंद्र ने बताया कि ट्रेन में फूलमाला की तबीयत खराब हो गई थी। उसे उल्टी होने लगी। ऐसे में गेट के पास बनी वॉश बेसिन पर खड़ी हो गई। अचानक उसका संतुलन बिगड़ा और वह ट्रेन से गिर गई। बेटी के गिरते ही पीछे से पिता ने भी ट्रेन से छलांग लगा दी।

सामने पड़े कटे पैर देखकर भी नहीं हारी हिम्मत

गिरने से ट्रेन की चपेट में आकर फूलमाला के दोनों पैर कट गए। लेकिन सामने पड़े दोनों कटे पैर देखकर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। वह किसी तरह वहां से हाथों का सहारा लेकर ट्रैक के किनारे पटरी पर बैठ गई।

कुछ ही देर में उसके पिता रमेश चंद्र भी यहां आ गए। क्योंकि वह तेज रफ्तार ट्रेन से कूदे थे लिहाजा वह भी लहूलुहान थे। किसी तरह बेटी के पास तक पहुंचे। जेएन मडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का कहना है कि एक पैर तो पूरी तरह कटकर अलग हो गया है, जबकि दूसरा भी बुरी तरह जख्मी है।

घटनास्थल पर पहुंचे आरपीएफ के एएसआई नरेंद्र सिंह ने बताया कि पिता को घायल देख फूलमाला अपना दर्द भूल गई थी। वह बार बार कह रही कि उसके पिता को बहुत चोट लगी है। खून बह रहा है। उन्हें जल्दी से अस्पताल पहुंचाओ। जबकि बेटी के कटे पैर देख नरेंद्र बिलख रहे थे।

फूलमाला उन्हें हिम्मत बंधा रही थी। बाद में यहां स्पेशल ट्रेन रुकवाकर दोनों को अलीगढ़ स्टेशन पर लाया गया। यहां से दोनों को जेएन मेडिकल कालेज भेजा गया। वहां भी फूलमाला बार बार चिकित्सकों से कह रही थी कि पहले उनके पिता का इलाज कर दीजिए। फूलमाला का मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में इलाज चल रहा है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *