पुरानी पेंशन के लिए सड़कों पर उतरे कर्मचारी, कहा किसी भी कीमत पर एनपीएस या यूपीएस स्वीकार्य नहीं
1 min readलखनऊ। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के आह्वान पर बृहस्पतिवार को शिक्षक-कर्मचारियों ने विभिन्न राज्यो में आक्रोश मार्च निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। साथ ही एनपीएस-यूपीएस वापस कर, पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। आक्रोश मार्च में रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम आदि विभागों के कर्मचारियों ने शिरकत की। यूपी के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर शिक्षक-कर्मचारियों ने अपने गुस्से का इजहार किया। इस दौरान ”एनपीएस यूपीएस वापस करो, पुरानी पेंशन बहाल करो”, ”शिक्षक कर्मचारी एकता जिंदाबाद”, ”अर्द्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए”, एनपीएस धोखा है तो यूपीएस महाधोखा है, के नारे भी लगाए गए। आक्रोश मार्च में महिला कर्मचारी अपने परिवार के साथ शामिल हुई। राजधानी लखनऊ में एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में बीएन सिंह की प्रतिमा से शहीद स्मारक तक आक्रोश मार्च निकाला गया। इसमें प्रदेश के विभिन्न संगठनों के नेता, शिक्षक, कर्मचरियों ने भाग लिया। ”नो एनपीएस, नो यूपीएस ओनली ओपीएस” के नारों के साथ केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। विजय कुमार बन्धु ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा है। सरकार ने एनपीएस लाकर कर्मचारियों-शिक्षकों को धोखा किया है। यूपीएस तो कर्मचारियों के साथ महाधोखा है। इसलिए सरकार हूबहू पुरानी पेंशन बहाल करे। मार्च में लविवि के डॉ. राजेन्द्र वर्मा, ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामेंद्र श्रीवास्तव, राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार, लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव, लविवि संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय, नर्सेज संघ की अध्यक्ष लता सचान, रेलवे से राघवेन्द्र सिंह, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के श्रवण सचान, जल संस्थान के राजेन्द्र यादव, पीएसपीएसए के विनय कुमार सिंह, अटेवा के महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी, विशिष्ट बीटीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी आदि शामिल थे।