56 साल बाद बर्फ में दबा मिला सहारनपुर के जवान का पार्थिव शरीर, एयरफोर्स में तैनात थे मलखान सिंह
1 min readसहारनपुर। वायु सेना के जवान फतेहपुर गांव निवासी मलखान सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में बर्फ के नीचे मिला है। मंगलवार को सेना के जवानों ने गांव पहुंचकर मलखान सिंह के भाई को यह जानकारी दी। पार्थिव शरीर के पास मिले वाउचर से पहचान हुई है। बताया कि सर्च अभियान के दौरान पार्थिव शरीर मिला है, जो तीन अक्तूबर को गांव पहुंचेगा।नानौता थाना क्षेत्र के गांव फतेहपुर निवासी मलखान सिंह पुत्र रामदिया वायु सेना में कार्यरत थे। 7 फरवरी 1968 को वायु सेना के एक विमान ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी, जिसमें 100 से अधिक जवान सवार थे। विमान में फतेहपुर निवासी 23 वर्षीय मलखान सिंह भी अपने साथियों के साथ जा रहे थे। विमान हिमाचल के सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में पहुंचा तो मौसम खराब होने के कारण वह क्रैश हो गया। इसमें मलखान सिंह समेत सभी जवान बलिदान हो गए थे, लेकिन बर्फीले पहाड़ होने के कारण किसी का पार्थिव शरीर नहीं मिला था।
करीब 56 साल बाद मंगलवार को भारतीय सेना के जवान फतेहपुर गांव में मलखान सिंह के घर पहुंचे। उन्होंने मलखान सिंह के भाई इसमपाल सिंह से मुलाकात की और बताया कि मलखान सिंह का पार्थिव शरीर सर्च अभियान के दौरान मिल गया है। यह सुनकर इसमपाल सिंह हैरान रह गए। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि ऐसा भी हो सकता है। इसमपाल सिंह ने सहारनपुर में रह रहे अपने भाई के पोते गौतम व मनीष को उनके दादा का पार्थिव शरीर मिलने की जानकारी दी। इसके बाद दोनों पोते व पोती भी अपने परिवार समेत गांव में आ गए।मलखान सिंह के परिवार में उनकी पत्नी शीला देवी और इकलौते बेटे रामप्रसाद की मौत हो चुकी है। अब उनके परिवार में पोते गौतम, मनीष और पोती सोनिया, मोनिका और सीमा हैं। गौतम और मनीष सहारनपुर में ऑटो चलाते हैं। मलखान सिंह के भाई सुल्तान सिंह और चंद्रपाल सिंह की भी मौत हो चुकी है। फिलहाल भाई इसमपाल सिंह और बहन चंद्रपाली है। परिवार का कहना है कि उन्हें वायु सेना की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली।