आजमगढ़ : राष्ट्रीय ध्वज अपमान जांच मामले में शहर कोतवाल की भूमिका संदिग्ध
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कोतवाल की जांच आख्या पर एसपी सिटी ने दी थी क्लीनचिट
अंततः मजिस्ट्रेटी जांच में दोषी पाए गए प्राचार्य
आजमगढ़। शिब्ली कॉलेज के प्राचार्य द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा अपमान प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इस जांच में प्राचार्य अफसर अली दोषी पाए गए हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस में पूर्व में मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच का आदेश दिया था जिस पर एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल को यह जांच दिया गया। एसपी सिटी ने इस प्रकरण की जांच नगर कोतवाल शशि मौली पांडेय को दे दिया। कोतवाल ने इस प्रकरण में प्राचार्य को सीधे क्लिनचिट दे दिया। कोतवाल की जांच आख्या को आधार बनाकर एसपी सिटी ने आरोपी प्राचार्य को क्लीनचिट दे दिया था। इस मामले में एक बार फिर भाजपा नेता रविशंकर तिवारी ने कमिश्नर आजमगढ़ से शिकायत कर प्रकरण की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की। इस शिकायत पर कमिश्नर ने जिलाधिकारी आजमगढ़ को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। त्रि-सदस्यीय मजिस्ट्रेट की टीम ने जब इस प्रकरण की जांच की तो प्राचार्य को दोषी पाया।
इस बाबत एडीएम वित्त व राजस्व आजाद भगत सिंह ने बताया है कि राष्ट्रीय ध्वज अपमान मामले में पूर्व में भी शिकायत के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच का आदेश हुआ था। एसपी सिटी शैलेंद्र लाल को जांच सौंपी गई थी। एसपी सिटी ने प्रकरण की जांच शहर कोतवाल शशिमौलि पांडेय को दी थी। कोतवाल की जांच आख्या के आधार एएसपी सिटी ने आरोपित प्राचार्य को क्लीनचिट दे दी थी। भाजपा नेता ने कमिश्नर से जांच कराने की मांग की। आयुक्त ने डीएम को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। जांच में प्राचार्य दोषी पाए गए हैं। एक ही मामले में एसपी सिटी द्वारा क्लिनचिट और मजिस्ट्रेट टीम द्वारा दोषी ठहराया जाना संदेह की स्थिति पैदा करता है। यह भी एक जांच का विषय है।
