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स्वाधीनता दिवस पर शिक्षण संस्थाओं में भी हुआ ध्वजारोहण

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रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, शहीदों को अर्पित की गई श्रद्धांजलि

बहराइच। स्वाधीनता दिवस पर जिले के शिक्षण संस्थानों में भी ध्वजारोहण के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए इन कार्यक्रमों में रंगारंग कार्यक्रम के साथ देश को आजादी दिलाने में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले क्रांतिकारियों के बलिदान का भी नमन किया गया।
शहर के किसान पीजी कॉलेज में प्रबंध समिति के सचिव मेजर डॉ एसपी सिंह ने ध्वजारोहण किया। यहां एनसीसी कैडेट्स ने परेड कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इसके बाद महाविद्यालय के संस्थापक तथा स्वाधीनता सेनानी ठाकुर हुकुम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद कालेज के डॉ जेबी सिंह सभागार में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को प्रबंध समिति के सचिव मेजर डॉ सिंह, प्राचार्य प्रो. डॉ. विनय सक्सेना, चीफ प्रॉक्टर किसुनवीर, उप प्राचार्य प्रो. डॉ. उस्मान, उर्दू के विभाग प्रभारी डॉ. राज कमल गुप्ता, मध्य कालीन इतिहास के आशुतोष शुक्ला, संस्कृत के संदीप मिश्रा, वनस्पति विज्ञान के डॉ आनंद श्रीवास्तव अंग्रेजी के डॉ. शिव कुमार मिश्र, शिक्षा शास्त्र की डा. डिंपल जैन, भौतिक विज्ञान की डा. गुंजन शर्मा, समाज शास्त्र से अजय त्रिपाठी के अतिरिक्त अनेक छात्र छात्राओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ देश के ताजा हालातों पर भी चर्चा की गई। इसके पूर्व अर्थशास्त्र विभाग के प्रभारी डॉ. राजवीर सिंह ने उच्च शिक्षा निदेशक का संदेश पढ़कर सुनाया। कार्यक्रम का संचालन बीएड विभाग के प्रभारी डॉ. ओपी सोनी ने किया।
इसी प्रकार महिला पीजी कॉलेज में प्रबंध समिति के सचिव श्याम करण टेकरी वाले राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया। इस मौके पर छात्रों की ओर से रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रिया मुखर्जी ने आजादी के आंदोलन में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले शहीद क्रांतिकारियों के बलिदानों का जिक्र करते हुए छात्राओं का आह्वान किया कि वे क्रांतिकारियों के सपनों का भारत बनाने के लिए अपने स्तर से प्रयास करें। उनका निर्देशन करने के लिए शिक्षिकाओं की टीम हमेशा तैयार है। सचिव श्री केकड़ीवाल ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का ही बहुत बड़ा योगदान था प्रथम स्वाधीनता आंदोलन में जहां महारानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए थे वही उसके बाद के आंदोलन में दुर्गा भाभी, अरुणा आसफ अली तथा जैसी महिलाओं ने अंग्रेजी हुकूमत को आईना दिखाने का काम किया। इस मौके पर डॉ अमृता मिश्रा, डॉ गरिमा राय, डॉ. रीता शुक्ला, कार्यालय अधीक्षक राजेश पाल रावत, वासिफ खान, नीरज पाल समेत अनेक छात्राएं उपस्थित रहे।

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