सोशल मीडिया तथा साइबर सुरक्षा पर स्मार्ट क्लास आयोजित
1 min readमहिला पीजी कॉलेज में प्राचार्या के निर्देशन में आयोजित किया गया कार्यक्रम
बहराइच । महिला महाविद्यालय बहराइच में प्राचार्या प्रो. डॉ. प्रिया मुखर्जी के निर्देशन में डॉ प्रियंका श्रीवास्तव द्वारा सोशल मीडिया एवं साइबर सुरक्षा पर स्मार्ट क्लास का आयोजन किया गया। सोशल मीडिया दुनिया भर के लोगों से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण साधन है और इसने विश्व में संचार को नया आयाम दिया है।इसने समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ने और खुलकर अपने विचारों का अभिव्यक्त करने का अवसर दिया है। विश्व में एवं भारत में सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
स्मार्ट क्लास को संबोधित करते हुए डॉक्टर प्रियंका श्रीवास्तव ने बताया कि हम जितनी तेजी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं,ठीक उतनी ही तेजी से साइबर अपराध की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है ,उसी गति से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ-साथ साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित हुई है। वर्तमान में भारत की बड़ी आबादी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग करती है लेकिन इन नेटवर्किंग साइट्स के उपयोग के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव है। साइबर अपराधों के मामले में भारत भी उन देशों से पीछे नहीं है, जहां साइबर अपराधों की घटनाओं की दर भी दिन – प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। साइबर अपराध के मामलों में एक साइबर अपराधी,किसी उपकरण का उपयोग , उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, गोपनीय व्यावसायिक जानकारी, सरकारी जानकारी या किसी डिवाइस को अक्षम करने के लिए कर सकता है। उपरोक्त सूचनाओं को ऑनलाइन बेचनाएं खरीदना भी एक साइबर अपराध है। साइबर अपराध के दिनों दिन बढ़ते मामलों में इन सोशल नेटवर्किंग साइट्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे अपराध में साइबर जबरन वसूली, पहचान की चोरी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, डाटा हैक करना, फिशिंग ,अवैध डाउनलोडिंग, साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग,साइबर हरासमेंट आदि कई प्रकार की गतिविधियां शामिल है। साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने आईटी एक्ट 2000 का विशेष रूप से उल्लेख किया। डिजिटल भारत कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक साइबर सुरक्षा पर निर्भर करेगी। सोशल मीडिया साइट्स का सावधानीपूर्वक उपयोगी हमें ऑनलाइन ठगी तथा साइबर प्राथमिक गंभीर खतरों से बचा सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया के खतरे, उसके बढ़ते एडिक्शन,साइबर डिटॉक्स की आवश्यकता, साइबर अपराध,उसके प्रकार ,बचाव के उपाय और सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की एवं छात्राओं को जागरुक किया । छात्राओं ने प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की एवं सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग करने का प्रण लिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. रीता शुक्ला ,डॉ. रीमा शुक्ला ,डॉ गरिमा राय सहित समस्त प्राध्यापिकाएं उपस्थित रहीं।