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आजमगढ़ में विवाद के कारण फिर नहीं हुआ गौरी गांव के कोटेदार का चयन,पांचवीं बार फिर एसडीएम के दरबार में पहुंचेगा मामला

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आजमगढ़। अहरौला विकासखंड के गौरी गांव में कोटेदार के चयन के लिए सोमवार को पहुंची खंड विकास अधिकारी द्वारा गठित टीम का चयन परिणाम फिर से विवादों में फंस गया। चयन प्रक्रिया के दौरान एक पक्ष ने एसडीएम से शिकायत की और बूढ़नपुर कार्यालय पर लिखित शिकायत देने का निर्णय लिया। बताते चलें कि 7 अक्टूबर को गौरी गांव में टीम कोटेदार के चयन के लिए पहुंची थी, लेकिन कोरम पूरा न होने के कारण चयन नहीं हो सका था। पुनः 10 नवंबर को निर्धारित तारीख पर टीम में शामिल एडीओ पंचायत अमरजीत सिंह, एडीओ कोऑपरेटिव वीर बहादुर यादव, सचिव सौरभ भारती, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी विकास सिंह, ग्राम प्रधान अभिषेक यादव के साथ-साथ सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी। लगभग 11 बजे कोटेदार के चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। गांव के ग्रामीणों, युवा, बुजुर्गों और महिलाओं ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया। कुल छह प्रत्याशियों ने कोटेदार के पद के लिए नामांकन किया। जिनमें अतुलधर द्विवेदी, चंद्रमणि सिंह, संयम श्रीवास्तव, राहुल सिंह, रीता चौबे और आदर्श पांडेय शामिल थे। नामांकन के बाद, गिनती की प्रक्रिया में भारी अफरा-तफरी मच गई। मुख्य मुकाबला रीता चौबे और अतुलधर द्विवेदी के बीच हुआ। रीता चौबे के समर्थन में 190 लोग थे, जबकि अतुलधर द्विवेदी के समर्थन में 187 लोग थे। इस दौरान कुछ लोगों ने शिकायत की कि नाबालिगों को भी गिनती में शामिल किया गया। जिनके पास आधार कार्ड नहीं था। विवाद बढ़ने पर, रीता चौबे के समर्थकों ने ”जिंदाबाद” के नारे लगाए, जबकि अतुलधर द्विवेदी के पक्ष के लोगों ने गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाया।

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