यूपी में टैक्स चोरी रोकने के लिए बनेगा रिसर्च सेंटर, राजस्व के नए स्रोत तलाशने पर होगा शोध
1 min readलखनऊ। टैक्स चोरी रोकने और राजस्व वृद्धि में नए स्रोत तलाशने के लिए यूपी में पहली बार रिसर्च सेंटर बनाया गया है। गैर परंपरागत सेक्टरों पर फोकस के साथ ही टैक्स चोरी के लिए कुख्यात सेक्टरों पर शोध होगा। उसे एआई, डाटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग से कैसे रोका जा सकता है, इसका अध्ययन किया जाएगा। केस स्टडीज होंगी। देशभर के टैक्स एक्सपर्ट अधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे। प्रमुख सचिव एम. देवराज ने राज्य कर विभाग के प्रशिक्षण संस्थान ‘वाणिज्य कर अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान’ को ‘उत्तर प्रदेश राज्य कर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान’ में तब्दील कर दिया है।
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में जीएसटी कलेक्शन सबसे ज्यादा है। पिछले वर्ष 1.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ था। इस वर्ष मार्च तक ये लक्ष्य 1.56 लाख करोड़ रुपये है। इसके बावजूद केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 15 हजार करोड़ रुपये सालाना की जीएसटी चोरी हो रही है। इसमें बाहर से टैक्स चोरी के रास्ते आने वाले उत्पाद शामिल नहीं हैं। इसके अतिरिक्त जीएसटी में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 25 फीसदी है जबकि पिछले पांच वर्ष में यूपी में सर्विस सेक्टर दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। ई कामर्स और आनलाइन बिकने वाले उत्पादों में यूपी की बड़ी हिस्सेदारी है लेकिन टैक्स इस हिसाब से नहीं प्राप्त हो रहा है। संवेदनशील उत्पादों में टैक्स चोरी बदस्तूर जारी है।