यूपी सरकार ने यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन को पद से हटाया, अनियमितता का आरोप, कोर्ट ने दिया आदेश
1 min readलखनऊ। नोएडा की यमुना अथॉरिटी में घोटालेबाजी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई और चेयरमैन पर कार्रवाई का आदेश दिया और कहा कि सरकार कार्रवाई करे अन्यथा हम सीबीआई जांच के आदेश देंगे। सोमवार को दोबारा सुनवाई होगी तब तक आदेश का पालन नहीं हुआ तो सीबीआई जांच के आदेश हो सकते हैं। कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने शनिवार शाम को यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है।अनिल कुमार सागर पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी मनमर्जी से आधार बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को रद्द किया और जिसमें सहूलियत दिखी उसको मंजूरी दी। पर्सनल एफिडेविट के माध्यम से हाइकोर्ट ने यमुना ऑथरिटी की घोटालेबाजी पकड़ी। उन्होंने एक ही दिन में प्रमुख सचिव ने एक जैसे तीन मामलों में अलग-अलग तरह की आदेश दिए थे। किसी को रद्द किया तो किसी को मंजूरी दी। जस्टिस पंकज भाटिया ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर पर सरकार कार्रवाई करे अन्यथा सोमवार को सीबीआई जांच के आदेश होंगे। यूपी के इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट विभाग में नोएडा की तीनों आथिरिटी की सुनवाई होती है। इसी सुनवाई में शासन स्तर पर बिल्डर्स के साथ डीलिंग होती है। हाइकोर्ट ने इस घपलेबाजी को फाइल में पकड़ लिया है। अब सोमवार को जस्टिस पंकज भाटिया की कोर्ट में इस लैंड स्कैंडल की दोबारा सुनवाई होगी।