सिपाही भर्ती परीक्षा: वाराणसी में पकड़ा गया ठग, अभ्यर्थियों को दे रहा था झांसा; ऐसे लेता था रुपये
1 min readवाराणसी। इंस्पेक्टर के नाम से व्हाट्स एप और टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले पेपर देने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से ठगी के एक आरोपी को शनिवार को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान बिहार के खगड़िया जिले के परवत्ता थाना के मुजाहिदपुर निवासी हंस रंजन कुमार के रूप में हुई है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है। आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है। एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि एक शिकायत मिली थी। शिकायत के अनुसार व्हाट्स एप व टेलीग्राम ग्रुप बनाकर उसमें जोड़े जाने के नाम पर सिपाही भर्ती की महिला अभ्यर्थियों से 500 रुपये व पुरुष अभ्यर्थियों से 1000 रुपये ऑनलाइन लिया जा रहा है।
ग्रुप से जुड़े अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र देने का दावा किया जा रहा है। शिकायत की जांच इंस्पेक्टर पुनीत परिहार को सौंपी गई। व्हाट्स एप और टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन ने अपना नाम इंस्पेक्टर हंसराज ग्रुप लिख रखा था। ग्रुप एडमिन के बारे में सर्विलांस की मदद से जांच की गई तो पता लगा कि हंस रंजन कुमार सिपाही भर्ती परीक्षा के नाम पर ठगी कर रहा है और वह वाराणसी के अभ्यर्थियों से मिल-जुल भी रहा है। शनिवार को पता लगा कि हंस रंजन कुमार छावनी क्षेत्र स्थित चर्च के समीप मौजूद है तो एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जो मोबाइल नंबर हंस रंजन उपयोग कर रहा था वह उसके भाई मनीष कुमार के नाम पर है। उस मोबाइल नंबर से जनरेट यूपीआई आईडी हंस रंजन के नाम से है। फोन-पे का खाता परवत्ता स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में हंस रंजन के नाम है। पूछताछ में हंस रंजन ने बताया कि लगभग आठ माह पहले वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 80 व्हाट्स एप व टेलीग्राम ग्रुप बनाया था। अपने ग्रुप्स से वह 35 हजार लोगों को जोड़ चुका है। आठ माह में वह 20 लाख रुपये कमा चुका है। इस समय उसके खाते में लगभग चार लाख रुपये हैं। वह पता करता था कि कौन सी प्रतियोगी परीक्षा कब और कहां होनी है। इसके बाद वह अपने ग्रुप्स पर मैसेज करता था कि प्रश्न पत्र जिसको चाहिए, वह अभ्यर्थी उसके यूपीआई या क्यूआर कोड को स्कैन कर निर्धारित पैसा (पुरुष 1000 रुपये व महिला 500 रुपये) भेजकर जुड़ सकता है। जो अभ्यर्थी उसके ग्रुप का सदस्य रहेगा, उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र मिल जाएगा। कई अभ्यर्थी उसके झांसे में आकर पैसा भेज कर उसके ग्रुप का सदस्य बन जाते थे। प्रश्न पत्र न मिलने पर जब अभ्यर्थी अपना पैसा वापस मांगते थे तो वह टालमटोल करने लगता था। छोटी सी रकम होने के कारण लोग बार-बार कॉल भी नहीं करते थे। उसे पता लगा कि यूपी में सिपाही भर्ती की अगस्त 2024 में परीक्षा होनी है। इस पर वह ठगी के लिए फिर सक्रिय हुआ और वही पुराना तरीका अपनाया। इसी क्रम में शनिवार को वह वाराणसी आया था।