आज़मगढ़: दो दिन में 38 और अबतक 79 मदरसा प्रबंधकों पर केस दर्ज
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आजमगढ़। जिले में अस्तित्वहीन मिले 219 मदरसों में से बृहस्पतिवार से शुक्रवार तक 38 मुकदमें और दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही अबतक कुल दर्ज मुकदमों की संख्या 79 हो गई है। दरअसल, जिले में मदरसा पोर्टल ऑनलाइन फीडिंग में 333 मदरसे मानक के अनुरूप नहीं मिले थे। एसआईटी ने जांच की तो 219 मदरसों का अस्तित्व ही नहीं मिला। एसआईटी ने इन मदरसा पोर्टल पर मदरसा प्रबंधकों द्वारा दर्ज किए गए डाटा की जांच की। इसमें कई जगहों पर प्रबंधकों ने पहले से संचालित इंटर कॉलेजों को ही मदरसा बताया था। हाल ही में एसआईटी और ईओडब्ल्यू की टीम जिले में आई थी। उसके द्वारा एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर तैयार कर थानों में भेजी गई थी। इस तहरीर पर जिले में मुकदमे दर्ज होने शुरू हो गई है।
जिले में वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था। 2017 में इस बात की शिकायत सरकार से की गई थी। 2017 में हुई जांच में 387 मदरसे वैध मिले। जबकि 333 मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई थीं। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शासन ने एसआईटी टीम को दे दी थी। 2022 में शासन को सौंपी में एसआईटी ने बताया था कि 219 मदरसे ऐसे हैं जो अस्तित्वहीन थे। इन मदरसे के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का शासन ने निर्देश दिया था लेकिन अब तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। शासन के निर्देश पर अब इन मदरसों के खिलाफ एफआई दर्ज होनी शुरू हो गई है। सभी थानों में एफआईआर की कॉपी पहुंच गई है।
आजमगढ़ में जिन मदरसा प्रबंधकों के ऊपर एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें नगर कोतवाली में दो, रानी की सराय में तीन, कंधरापुर में एक, मुबारकपुर में आठ, निजामाबाद में चार, गंभीरपुर में एक, मेंहनगर में दो, जीयनुपर में नौ, बिलरियागंज में एक, रौनापार में तीन, अतरौलिया में दो अहरौला में आठ मुकदमे दर्ज हुए हैं। जबकि सिधारी में पांच, कप्तानगंज में दो, फूलपुर में 11, पवई में पांच, सरायमीर में चार और दीदारगंज में आठ मुकदमे दर्ज किए गए हैं।