यूपी: कांग्रेस और सहयोगी दलों के साथ ही चुनाव में उतरेगी सपा, सीट देने को लेकर किए ये संकेत
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के तहत ही लड़ेगी। कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के साथ कदम आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों के लिए सपा अधिक सीटें नहीं देगी। विभिन्न राज्यों में इंडिया गठबंधन के समाप्त होने का एलान हो रहा है। राजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस और तृणमूल कांग्रेस के नेता गाहे-बगाहे इस तरह के बयान देते रहे हैं। लेकिन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभी तक इस तरह के बयानों से न सिर्फ खुद को अलग रखा है, बल्कि यह भी कहा है कि आने वाले समय में इंडिया गठबंधन और मजबूत दिखेगा।
हालांकि, इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस की उदासीनता कुछ सपा नेता भी ठीक नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि गठबंधन की औपचारिक बैठकों में भी कांग्रेस के रुचि नहीं है। दिल्ली में जो समन्वय समिति बनाई गई थी, वो भी निष्क्रिय है। फिर भी यूपी के आगामी चुनाव को देखते हुए गठबंधन बरकरार रखना ही सही रणनीति होगी। इससे भाजपा विरोधी मतों के विभाजन को रोका जा सकेगा। साथ ही जनता में यह संदेश भी दिया जा सकेगा कि विपक्षी गठबंधन भी मजबूत स्थिति में है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने पहले से ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा सरकार की ओर से लिए जाने वाले तमाम निर्णयों को थाम दिया है।
सपा सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस एक के बाद एक राज्यों के चुनाव हार गई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के अनुभव बताते हैं कि राज्यों में जीत पाना कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी है। इसलिए यूपी में भी पार्टी अधिकांश सीटों पर खुद ही लड़ेगी। सहयोगी दलों के लिए बमुश्किल 40-45 सीटें ही छोड़ सकती है।
