Latest News

The News Complete in Website

करणी सेना अध्यक्ष ओकेंद्र राणा की खुली धमकी, अब माफी से काम नहीं चलने वाला; हम कुछ भी कर सकते हैं

1 min read

नई दिल्ली। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा भी गढ़ी रामी में आयोजित रक्त स्वाभिमान सम्मेलन में शामिल हुए। मंच से उन्होंने कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम कुछ भी कर सकते हैं। सपा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान ने क्षत्रिय ही नहीं बल्कि सनातन समाज को ठेस पहुंचाई है। अब माफी से काम नहीं चलने वाला है। उन्होंने करणी सेना के कार्यकतार्ओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, सपा सांसद की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने, रामजी लाल सुमन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने, घायल कार्यकतार्ओं की ओर से मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मांगें नहीं मानी गईं तो करणी सेना सांसद के आवास पर कूच करेगी। गढ़ी रामी में रक्त स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। भगवान टॉकीज चौराहे से एमजी रोड को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। बैरिकेडिंग कर यहां भारी वाहन खड़े कर दिए गए हैं। पुलिस फोर्स भी तैनात है, जिससे सपा सांसद के आवास की ओर कोई भी प्रदर्शनकारी नहीं जा सके। शनिवार शाम को रक्त स्वाभिमान सम्मेलन का समापन हो गया। भीड़ अब अपने घर की ओर लौट रही है। इससे हाईवे पर भीषण जाम लग गया है। पुलिस जाम खुलवाने में लगी हुई है। केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान पर कहा कि रामजी लाल सुमन द्वारा हमारे राष्ट्र वीर राणा सांगा पर टिप्पणी किए जाने पर सभी राष्ट्रवादियों की भावना आहत हुई है। जो जाति, वर्ग, क्षेत्र, धर्म और अपने पुरखों का सम्मान नहीं करता, वह आगे नहीं बढ़ पाता है। रामजी लाल सुमन ने कहा कि बाबर को राणा सांगा ने बुलाया था लेकिन राणा सांगा तो इब्राहिम लोदी को पहले ही दो बार हरा चुके थे और उसे हराने के लिए उन्हें बाबर को बुलाने की जरूरत नहीं थी। उन्हें (रामजी लाल सुमन) माफी मांगनी चाहिए। करणी सेना द्वारा अपने खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि उन्होंने स्थानीय विधायक को ज्ञापन दिया, मुझे नहीं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या किया और क्या नहीं। मुझे नहीं पता कि वे क्या कर रहे हैं। मांगें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से थीं कि जेवर एयरपोर्ट का नाम राणा सांगा के नाम पर रखा जाए और मेरी राज्यसभा सदस्यता वापस ली जाए। मांगें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से संबंधित थीं, बेहतर होता कि वे ज्ञापन उन्हें दे देते। मैं जो कहना चाहता था, वह मैं 100 बार कह चुका हूं। मुझे समझ नहीं आता कि लोग अनावश्यक बातें क्यों कह रहे हैं।

0Shares

Leave a reply

  • Default Comments (0)
  • Facebook Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *