नाव पर निकली बरात: बाढ़ में दुल्हनिया लेने गया दूल्हा, बिना बैंड-बाजा के जुटे बराती; गांव वाले हैरान
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बलिया। बलिया से लेकर बिहार के बक्सर जिला में आई बाढ़ की विभीषिका के बीच एक उत्सवी माहौल देखने को मिला, जिसमें ऊफनाती गंगा की लहरों पर नावों से बरात ले जाने का दृश्य चर्चा का विषय बना हुआ है। बक्सर के सिमरी दियारा क्षेत्र में, जहां गंगा नदी के उफान और बाढ़ के पानी से घिरे इलाके में एक अनोखी बरात निकली। सड़कें डूब चुकी है, लेकिन शादी रद्द नहीं हुई। मंगलवार को दूल्हा और बाराती नाव पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे। यह अनूठी बरात नैनीजोर लाल डेरा गांव के रहने वाले कमलेश राम के पुत्र राजेश कुमार की थी। राजेश की शादी उत्तर प्रदेश बलिया जिले के बेयासी गांव में तय थी। सब तैयारी पहले से हो चुकी थी, लेकिन अचानक बाढ़ ने सारे रास्ते बंद कर दिए।
गंगा के ऊफान के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया, ऐसे में बरात को टालना या रद्द करना मुश्किल था। इस विषम परिस्थिति में परिवार ने नाव से बरात ले जाने का फैसला किया। जब गांव के लोगों ने पहली बार एक अद्भुत नजारा देखा। गंगौली गांव के पास तटबंध के नीचे से एक सजी-धजी नाव पर बरात निकल रही थी। दूल्हा साफा पहने, पारंपरिक पोशाक में नाव पर बैठा था और उसके साथ बराती भी उसी जोश के साथ मौजूद थे। नाव पर कोई डीजे नहीं था, न ही बैंड-बाजा, लेकिन गंगा की लहरों की थपकी और नाविकों की ताल ने माहौल को खास बना दिया। बरातियों ने भी पूरे जोश में ढोलक की जगह तालियों और गुनगुनाहट के साथ उत्सव मनया। ग्रामीणों के लिए यह दृश्य अनोखा और हैरतअंगेज था। लोगों ने अपने मोबाइल से इस खास बारात की फोटो और वीडियो बनाई और सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया।
देखते ही देखते यह बारात इलाके में चर्चा का विषय बन गई। दूल्हे के पिता कमलेश राम ने बताया कि शादी की तारीख पहले से तय थी और रद्द करना हमारे लिए संभव नहीं था। इसलिए हमने नाव से बारात ले जाने का निर्णय लिया। गंगा मैया की लहरों ने हमारी बारात को यादगार बना दिया। यह शादी हमारे परिवार के लिए हमेशा खास रहेगी।
