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यमुना ने वृंदावन में मचाया हाहाकार, कॉलोनियां और सड़कें जलमग्न, बेघर हुए हजारों लोग; प्रशासन ने की ये अपील

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मथुरा। इन दिनों वृंदावन में यमुना ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। यमुना के बढ़ते कदमों से लोग चिंतित हैं। तेज गति से पंख फैलाती यमुना नदी घाटों से निकलकर कॉलोनियों और सड़कों पर नजर आ रही है। कई घाटों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि कोई हादसा नहीं हो जाए। अब तक बाढ़ से प्रभावित दर्जनों कॉलोनियों से डेढ़ हजार से अधिक लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया है। वहीं पशुओं को भी सुरक्षित आसरा दिया है।

वृंदावन में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने घाटों, कॉलोनियों और संकरी गलियों को जलमग्न कर दिया है। निचले इलाकों में हालात बेहद चिंताजनक हैं। प्रशासन ने कई घाटों पर बैरिकेडिंग की है और पीएसी की तैनाती के साथ राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया है। पहले तो केसी घाट को बंद किया गया था, लेकिन अब देवराहा बाबा घाट को भी बंद कर दिया है।

जगन्नाथ घाट और कालिदह मार्ग में सड़कें यमुना के पानी से लबालब हो रही हैं। यहां भी प्रशासन ने बैरियर लगा दिए हैं। भक्ति विहार, घनश्याम वाटिका, श्रीजी वाटिका, टटिया स्थान की गोशाला, श्याम नगर, केशव नगर, अक्रूर धाम, मोहिनी नगर आदि क्षेत्रों के हालात खराब हो रहे हैं। पिछले दो दिनों में नावों की मदद से यहां से लगभग 1500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। शहर के भीतर की सड़कों पर नावें चल रही हैं।

यमुना के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की नींद उड़ा दी है। कई परिवारों ने पूरी रात घर खाली करने की तैयारी में काटी। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सुरक्षित केंद्रों में पहुंचाया गया है। पीने का पानी, भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है। वृंदावन को जोड़ने वाले कई आंतरिक मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं। बाढ़ राहत दल, नगर निगम कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्थाएं और पुलिस बल लगातार राहत कार्यों में लगे हुए हैं।

जिलाधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि नागरिक धैर्य बनाए रखें, अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।

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