यूपी में खुलेगा राज्य सहकारी महाविद्यालय, सीएम योगी बोले- शोध व अध्ययन को मिलेगा बढ़ावा
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इसकी तैयारी के निर्देश दिए। वह शुक्रवार को केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के साथ सहकारिता विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्श्सहकार से समृद्धिश्श् मंत्र को आत्मसात करते हुए 12 सितंबर से 12 अक्टूबर तक सदस्यता अभियान शुरू किया जा रहा है। इससे पहले चले अभियान से व्यापक बनाया जाए। गांव-गांव में कैंप, ऑनलाइन/ऑफलाइन पंजीकरण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और जमाकर्ताओं का विश्वास ही सहकारिता की असली पूंजी है, इसे हर हाल में सुरक्षित रखा जाए। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। बैठक में सहकारी बैंकिंग सुधारों की समीक्षा करते हुए अवगत कराया गया कि 2017-18 से 2024-25 तक राज्य सरकार द्वारा 16 बंद जिला सहकारी बैंकों को 306.92 करोड़ की सहायता से पुनर्जीवित किया गया है। मार्च 2025 तक 1000 करोड़ का ऋण व्यवसाय दर्ज हुआ और सभी बैंक लाभ में आ गए।
एम-पैक्स के गठन पर चर्चा के दौरान विभागीय अधिकारियों ने बाया कि 2024-25 में 266 एम-पैक्स के सापेक्ष चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 457 नये एम-पैक्स गठित हो चुके हैं, जबकि सितम्बर माह में 1,088 ग्राम पंचायतों में संगठन प्रक्रिया चल रही है। एम-पैक्स को उर्वरक वितरण के लिए 10 लाख तक ब्याज-मुक्त ऋण सीमा दी गई है, जिससे अब तक 5,400 करोड़ का टर्नओवर और 120 करोड़ की मार्जिन मनी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार, 757 नवगठित एम-पैक्स के उन्नयन के लिए राज्य सरकार 1 लाख मार्जिन मनी तथा 1 लाख आधारभूत अवसंरचना विकास के लिए उपलब्ध करा रही है। डिजिटल भुगतान व्यवस्था के तहत 6,101 सोसाइटी में क्यूआर/यूपीआई आधारित प्रणाली लागू हो चुकी है। साथ ही, व्यवसाय विविधीकरण को बढ़ावा देते हुए 5170 एम-पैक्स में सीएससी सेवाएं, 6443 एम-पैक्स को पीएम किसान समृद्धि केंद्र तथा 161 एम-पैक्स में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रकाश शाही, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, भारत सरकार के सचिव सहकारिता डॉ. आशीष कुमार भूटानी, नाबार्ड के डीजीएम एनएल साहू आदि मौजूद रहे।
अन्न भंडारण योजना की प्रगति पर चर्चा करते हुए बताया गया कि एफसीआई ने प्रदेश के 35 जनपदों में 96 स्थलों की पहचान की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 15 नवंबर 2025 तक वित्तीय समापन प्रक्रिया पूरी कर जनवरी 2026 से निर्माण कार्य प्रारंभ कर अप्रैल 2026 तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि गोदाम निर्माण किसानों की समृद्धि का आधार है, इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए।
