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गड्ढे न भरे जाने पर पीडब्ल्यूडी के दो एई सस्पेंड, सड़कों को ठीक तरीके से दुरुस्त न करा पाने का था आरोप

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अभियंताओं के निलंबन पर जताया आक्रोश, जांच की उठाई मांग
लखनऊ। प्रदेश में सड़कों के गड्ढे न भरने पर सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शासन ने सड़कों का काम ठीक न पाए जाने पर मैनपुरी के दो सहायक अभियंताओं (एई) विनोद कुमार और शिवओम को निलंबित कर दिया है। ये दोनों एई वहां के निर्माण खंड-3 में कार्यरत हैं।
गौरतलब है कि इटावा-मैनपुरी राज्य मार्ग, सिरसागंज-किशनी-विधुना राज्य मार्ग, करहल-कुरावली मार्ग और किशनी-जसराना और कीरतपुर-उखांड मार्ग में कई स्थानों पर गड्ढे होने, काम की गुणवत्ता संतोषजनक न होने और समय से काम पूरा न होने के चलते सरकार ने इन पर कार्रवाई की गई है। वहीं बलिया में स्वीकृत लंबाई से कम काम होने पर भी ठेकेदार को भुगतान किए जाने पर एई बाबर अली और अवर अभियंता (जेई) राहुल सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने खंड और सर्कल में दो से तीन महीने काम करने के बाद ही अभियंताओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने पर नाराजगी जताई है। बुधवार को फील्ड हॉस्टल में हुई एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक में संगठन पदाधिकारी ने कहा कि तीन महीने डिवीजन को समझने में लगता है। इतने में प्रबंधन निलंबन की कार्रवाई करके अभियंताओं को हतोत्साहित कर रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार ऊर्जा विभाग में भय के माहौल को खत्म कराए। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि निलंबन का औचित्य ना होते हुए भी अभियंताओं का निलंबन किया जा रहा है। इससे पूरे पावर कॉर्पोरेशन व बिजली निगम में अभियंताओं में काफी निराशा है। छोटे-छोटे मामलों में निलंबन की कार्रवाई से ऐसा लग रहा है कि जैसे बिजली कंपनियों में भय का माहौल स्थापित किया जा रहा है। अभियंताओं ने सवाल उठाया कि भय का माहौल स्थापित करने से न तो राजस्व बढ़ेगा और न ही लाइन हानियों में कमी होगी। इससे उपभोक्ता सेवा में भी सुधार नहीं होगा। संगठन ने अचानक की जा रही निलंबन की कार्रवाई पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की। क्योंकि कई ऐसे अभियंताओं को निलंबित नहीं किया गया, जिनकी प्रगति काफी खराब है।

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