Latest News

The News Complete in Website

जिया उल हक हत्याकांड में सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा, सीबीआई कोर्ट ने 11 साल बाद सुनाया फैसला

1 min read

प्रतापगढ़। डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड के मामले में सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। कुछ दिन पहले सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराया था और सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए नौ अक्तूबर की तिथि तय की थी। बुधवार को सजा सुनाई गई। सभी 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी 10 आरोपियों को 19,500 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की आधी रकम डिप्टी एसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद को देने का सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने आदेश दिया है।
कुंडा के सीओ रहे जिया उल हक हत्याकांड का 11 वर्ष बाद फैसला आया। सीबीआई की विशेष अदालत ने दस आरोपियों को दोषी माना है। बलीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद उसके भाई की गोली लगने से मौत से आक्रोशित लोगों ने सीओ की लाठी डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व उनके करीबी रहे गुलशन यादव पर लगा था। हालांकि जांच के दौरान ही सीबीआई ने दोनों को क्लीन चिट दे दिया था। देवरिया जनपद के नूनखार टोला जुआफर के रहने वाले सीओ जिया उल हक को 2012 में कुंडा सर्किल की जिम्मेदारी मिली थी। हथिगवां के बलीपुर गांव में दो मार्च 2013 की शाम प्रधान नन्हे सिंह यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या उस समय हुई थी। जब वह विवादित जमीन के पास चाय की दुकान पर बैठा था। सीओ की हत्या में प्रधान नन्हें सिंह के बेटे योगेंद्र उर्फ बबलू व भाई पवन, फूलचंद्र और गार्ड मंजीत को मुख्य आरोपी बनाया गया था।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *